AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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स्वदेशी कला की खुशबू, रंगों की चमक और हुनर की गर्माहट अहमदाबाद शॉपिंग फेस्टिवल2025-26 में देखने को मिल रही है। फेस्टिवल में जिस तरह से लोगों ने उत्सुकता से भाग लिया है उससे ऐसा लगता है मानो स्वदेशी कला का रंग जमा हो। अहमदाबाद महानगरपालिका और गुजरात सरकार की ओर से 5 दिसंबर से 16 जनवरी तक आयोजित इस फेस्टिवल की थीम स्वदेशी विद ग्लोबल अपील है, जिसमें देशभर के कलाकार अपनी अनूठी कलाओं के साथ शामिल हुए हैं।सिंधु भवन रोड स्थित मुख्य स्थल पर लगे स्टॉलों में थ्रेड आर्ट कलाकार दिलीप हरिलाल जगडे का काम लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है। 25 वर्षों से इस कला को जीवंत रख रहे दिलीप बताते हैं कि वे 250 जीसीएम मोटे पेपर पर ड्रॉइंग कर सूक्ष्म छेद बनाते हैं और फिर धागों से अद्भुत डिज़ाइन तैयार करते हैं। उनकी कला को 2019 में राज्य पुरस्कार भी मिल चुका है। वे पेंडेंट, ईयरिंग, की-चेन और घड़ियाँ भी थ्रेड आर्ट से बनाते हैं और स्थानीय ग्राहकों तक सीधे कला पहुंचाने को प्राथमिकता देते हैं।
फेस्टिवल में स्वदेश ब्रांड भी आकर्षण का केंद्र है। इसके सीनियर मैनेजर अज़ीम अहमद के अनुसार, ब्रांड का उद्देश्य देशभर के लोक कलाकारों को राष्ट्रीय पहचान दिलाना है। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से नॉर्थ-ईस्ट तक की अनोखी क्राफ्ट एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। स्वदेश कलाकारों से सीधे खरीद कर उन्हें उचित मूल्य और त्वरित आय सुनिश्चित करता है।
जयपुर के कोटजेवर गांव के हनुमान प्रजापति अपनी मशहूर ब्लू पॉटरी लेकर पहुंचे हैं, जिनकी कीमत 50 से 15,000 रुपये तक है। वहीं गाज़ीपुर के अकबर अली जूट वॉल हैंगिंग जैसी 80 वर्ष पुरानी कला को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसे 3000 से अधिक महिलाएँ तैयार करती हैं। फीरोज़ाबाद के नौशाद अहमद की हेंडमेड कांच की चूड़ियां और शोपीस भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। कुल मिलाकर, अहमदाबाद शॉपिंग फेस्टिवल स्थानीय कलाकारों को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रभावी मंच बन रहा है और शहर को एक उभरते वर्ल्ड-क्लास शॉपिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित कर रहा है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
11 Dec 2025 10:50 pm


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