AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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राजस्थान के लोगों को अब गुजरात के मान्य अस्पतालों में भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) यानी आयुष्मान कार्ड से कैशलेस उपचार की सुविधा मिल सकेगी। 15 दिसंबर से लाभ मिलना शुरू होने के आसार हैं।राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके मंत्रिमंडल ने इस संबंध में अहम निर्णय ले लिया है, जिससे हजारों मरीजों को राहत मिलेगी। राजस्थान के लोगों को गुजरात में आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पाने के मुद्दे को राजस्थान पत्रिका ने कई बार उठाया था। गुजरात से लेकर राजस्थान तक के नेताओं, मंत्री और मुख्यमंत्री तक इस बात को पहुंचाया। आखिरकार राजस्थान सरकार ने इस पर ध्यान दिया। 15 दिसंबर 2025 से गुजरात में राजस्थान के लोगों को आयुष्मान कार्ड का लाभ मिले इसके लिए निर्णय किया है। राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ एच.एल.अटल के हस्ताक्षर से आधिकारिक पत्र भी गुजरात स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन सोसाइटी के सीईओ हर्षद कुमार पटेल को भेजा है।राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग कैंसर, किडनी, हृदय व अन्य गंभीर बीमारियों का उपचार कराने के लिए अहमदाबाद समेत गुजरात के कई शहरों में आते हैं।
राजस्थान के मरीजों को केंद्र सरकार की पीएमजेएवाई योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी निराश होना पड़ रहा था।इलाज में काफी खर्च भी करना पड़ता था।
राजस्थान सरकार ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ चल रही मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत बड़ा कदम उठाया है। जिसे तहत 15 दिसंबर 2025 से ‘आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी’ लागू की जाएगी, जिसके बाद राजस्थान के लाभार्थी देशभर में कहीं भी कैशलेस इलाज प्राप्त कर सकेंगे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होगा। अब तक राजस्थान के मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ गुजरात में नहीं मिल रहा था।
अहमदाबाद के सिविल मेडिसिटी कैंपस स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) में पिछले वर्ष कैंसर का उपचार कराने के लिए ढाई हजार से अधिक मरीज पहुंचे। आयुष्मान कार्ड नहीं चलने के कारण इन्होंने जेब से खर्च वहन किया। मध्यप्रदेश के चार हजार मरीज ने उपचार लिया, उन्हें आयुष्मान कार्ड का लाभ मिला। उम्मीद है कि अब राजस्थान के मरीजों के लिए यह सुविधा शुरू होगी तो बड़ी संख्या में मरीज यहां उपचार के लिए आएंगे। ये तो अकेले जीसीआरआई का आंकड़ा है। यूएन मेहता हृदय अस्पताल, इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आइकेडीआरसी) में भी ऐसा लाभ मिल सकेगा।-डॉ.शशांक पंड्या, निदेशक जीसीआरआई
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Published on:
10 Dec 2025 10:30 pm


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