AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

Ahmedabad: शहर के शाहपुर निवासी 51 वर्षीय मनोजकुमार चौहाण के अचानक निधन ने परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया। शोक की इस घड़ी में भी परिवार ने ऐसा निर्णय लिया जिसने मानवता का उज्ज्वल उदाहरण प्रस्तुत किया। यह मानवता की महक वाला निर्णय है। मनोज को हृदयाघात के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वजन को खोने के आघात के बीच उनके परिजनों ने मनोज की त्वचा और आंखें दान करने का प्रेरणादायी निर्णय लिया।
इस निर्णय के तहत अहमदाबाद सिविल अस्पताल में मनोज चौहाण की दोनों आंखें और त्वचा दान की गई। प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम ने उनके शरीर से त्वचा प्राप्त की, जो गंभीर रूप से झुलसे मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होगी। वहीं, नेत्रदान से दो व्यक्तियों को नई दृष्टि मिलेगी। यह केवल अंगदान नहीं, बल्कि किसी अनजान व्यक्ति को नई जिंदगी और नई रोशनी देने का प्रयास है।
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अस्पताल की स्किन बैंक को अब तक कुल 29 त्वचा (स्किन )दान प्राप्त हुए हैं। मनोज के परिवार की ओर से किए गए नेत्रदान के साथ अस्पताल को अब तक 162 आंखें और कुल 191 पेशियों का दान मिल चुका है।
छह घंटे के भीतर दान संभवडॉ. जोशी ने नागरिकों से अपील की कि मृत्यु के छह घंटे के भीतर आंखें और त्वचा दान संभव है। अस्पताल की टीम अहमदाबाद और गांधीनगर में घर जाकर भी यह दान स्वीकार करती है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Published on:
24 Dec 2025 10:45 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।