AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में खैरथल कलेक्ट्रेट परिसर में सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए और केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया।
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मनरेगा केवल एक रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए सम्मान, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा की मजबूत गारंटी है। योजना का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा होना उसके मूल विचार और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। नाम परिवर्तन से योजना की पहचान और ऐतिहासिक महत्व को ठेस पहुंचेगी।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलराम यादव और विक्रम चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं की पहचान को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, जबकि मनरेगा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों परिवारों की आजीविका का प्रमुख साधन है।
उन्होंने योजना के बजट में कटौती पर भी चिंता जताई।धरना समाप्ति के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मनरेगा का नाम यथावत रखने, मजदूरी दरों में बढ़ोतरी, समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Dec 2025 06:39 pm


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