AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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अंबेडकरनगर : उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और पूर्व परिवहन मंत्री राम अचल राजभर एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। एक वायरल वीडियो में वे रामायण जलाने वालों की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास पढ़ने से 'दिमाग का ताला खुल जाएगा' और लोग कुंभ मेला या अयोध्या जाने के बजाय बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजेंगे। इस बयान ने सनातन धर्म समर्थकों और भाजपा नेताओं को भड़का दिया है, जो इसे आस्था पर हमला बता रहे हैं।
राजभर PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) कार्यक्रम के दौरान बोलते दिखाई दे रहे हैं। 27 सेकंड के इस क्लिप में वे द्रविड़ नेता पेरियार ई.वी. रामास्वामी नायकर का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उन्होंने सबसे पहले दक्षिण भारत में रामायण जलाने का काम किया था। राजभर ने आगे कहा, "पेरियार ललई सिंह यादव ने 'सच्ची रामायण' लिखी थी। अरे, पढ़िए अपने संतों, महापुरुषों और गुरुओं का इतिहास, तब दिमाग का ताला खुलेगा। तब आप कुंभ नहीं जाओगे, अयोध्या नहीं जाओगे, बल्कि अपने बच्चों को स्कूल भेजोगे, पाठशाला भेजोगे, ताकि वे आईएएस बनें।"
वीडियो में राजभर ने सनातन धर्म को लेकर कई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भाजपा के जितने बड़े नेता हैं, सबके दामाद मुस्लिम हैं।' इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता अशोक सिंघल का नाम लिया गया। इसके अलावा, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी करते हुए बोले, 'एक बाबा हैं, पर्ची खोलते हैं और उनके भाई कट्टा में पकड़े गए हैं।'
राजभर ने डॉ. भीमराव अंबेडकर (बाबासाहेब) का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्र भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा वोट सरदार वल्लभभाई पटेल को मिले थे, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू को चुना गया, जिससे बाबासाहेब का अपमान हुआ।
इस बयान पर भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश सिंह ने कहा, 'यह हिंदू समाज की आस्था पर सीधा प्रहार है। सपा को राजभर को तत्काल पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।' संगठनों ने विधायक के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, सपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वीडियो की प्रामाणिकता और तारीख की पुष्टि अभी बाकी है, लेकिन यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
विवाद बढ़ने के बाद राजभर बैकफुट पर आ गए। उन्होंने सफाई देते हुए कहा, 'मेरे बयान को गलत तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने समाज में शिक्षा और जागरूकता की बात कही थी, न कि किसी धर्म या आस्था का अपमान करने का इरादा था।' अकबरपुर विधानसभा से छह बार विधायक चुने जा चुके राजभर सपा के वरिष्ठ नेता हैं और PDA गठबंधन के प्रचार में सक्रिय रहते हैं।
राजभर पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं। 2011 में सामाजिक कार्यकर्ता आनंद दुबे ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि मंत्री रहते हुए उन्होंने बेनामी संपत्तियां खरीदीं। लोकायुक्त ने आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए और 2013 में विजिलेंस जांच की सिफारिश की। रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2007-2010 के बीच उन्होंने करीब 1,100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की। हालांकि, शासन से चार्जशीट की अनुमति न मिलने के कारण मामला लंबित है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
13 Oct 2025 05:18 pm
Published on:
13 Oct 2025 04:16 pm


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