AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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MP News : कल्पना कीजिए कि आप रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं, लेकिन यात्री ट्रेन प्लेटफॉर्म की बजाय मेन लाइन पर खड़ी कर दी जाती है। उसी समय एनाउंसमेंट होता है- 'यात्री कृपया ध्यान दें… पटरी पार करना जानलेवा है, इसलिए पटरी पार न करें, पैदल पुल का इस्तेमाल करें', तो क्या स्थिति बनेगी। यही नजारा सोमवार को देखने को मिला मध्य प्रदेश के अशोकनगर रेलवे स्टेशन पर। इस तरह यात्री तो खासा परेशान हुए ही, साथ ही खौफ के साए में भी नजर आए, कहीं खाली पटरी पर अचानक दूसरी ट्रेन न आ जाए, वरना क्या होगा? कोई कल्पना नहीं कर सकता।
मामला अशोकनगर रेलवे स्टेशन का है। सोमवार को बीना-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेन प्लेटफॉर्म क्रमांक-1 पर आना थी, लेकिन प्लेटफॉर्म-1 पर कोयले से भरी मालगाड़ी आकर खड़ी हो गई। बीना-ग्वालियर ट्रेन को मेन लाइन पर खड़ा किया गया। इससे सैंकड़ों यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने-उतरने पर पटरी पर मेला सा लग गया। गोद में बच्चे और पीठ पर बैग तो कहीं बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी ट्रेन से पटरी पर उतरीं और फिर प्लेटफॉर्म पर चढ़ना पड़ा। लेकिन इसी समय यात्रियों को पटरी पार न करने रेलवे स्टेशन पर एनाउंसमेंट चलता रहा। इससे यात्रियों का कहना था कि, जब ट्रेन ही बीच लाइन में खड़ी है तो प्लेटफार्म पर कहां से जाएं?
रेलवे प्रबंधन के मुताबिक, कोयले से भरी मालगाड़ी बीना तरफ से आ रही थी, जिसके पहिए का हॉट एक्सल जल गया। ऐसे में नियम ये है कि जहां जानकारी मिले, उस स्टेशन पर पहिए तो बदला जाए या फिर उस बोगी को ही अलग कर दिया जाए। लेकिन, इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता है तो मेन लाइन पर लंबे समय तक मालगाड़ी को खड़ा नहीं किया जा सकता था। इससे मालगाड़ी को प्लेटफॉर्म क्रमांक-1 पर लगा दिया गया।
रेलवे अधिकारी आर.के सिंह ने बताया कि, प्लेटफॉर्म क्रमांक-1 बीना की तरफ से आने वाली और प्लेटफॉर्म क्रमांक-2 गुना तरफ से आने वाली ट्रेनों के सिग्नल से जुड़ा हुआ है। इससे बीना तरफ से आई पैसेंजर ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर-2 की बजाय मेन लाइन पर रोक दिया गया।
यात्रियों की परेशानी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि, एक महिला की गोद में दो महीने का बच्चा था, महिला ने ट्रेन से उतरने के लिए पहले पटरी पर खड़े शख्स को बच्चा पकड़ाया, इसके बाद ट्रेन से उतरी और फिर पटरी पार कर नवजात को प्लेटफॉर्म पर रखा, तब जाकर वो प्लेटफॉर्म नंबर - 2 पर चढ़ सकी। इसी तरह बच्चे, बुजुर्ग और अन्य महिलाएं भी बैग और थैलों के साथ परेशान होते नजर आए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
23 Dec 2025 08:47 am


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