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Shiv Chalisa: शिव चालीसा रोजाना पढ़ने से पूरी होगी हर मनोकामना, जीवन बदल देने वाले हैं इसके लाभ

Shiv Chalisa Hindi Lyrics: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ बहुत चमत्कारी माना जाता है। यहां पढ़िए, संपूर्ण शिव चालीसा हिंदी भावार्थ के साथ और जाने इसके नियमित पाठ से जीवन में आने वाले सुखद बदलावों के बारे में।

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Shiv Chalisa: चमत्कारी लाभ और हिंदी अर्थ
Shiv Chalisa: शिव चालीसा के अनेक चमत्कारी लाभ हैं। (Image Credit: Gemini AI)

Shiv Chalisa Hindi Lyrics: भक्तों और धार्मिक विद्वानों का विश्वास है कि, शिव चालीसा के नियमित पाठ से भक्त की हर इच्छा पूरी होती है। सारे दूखों से छूटकारा मिलता है। ऐसे में इस लेख में हम आपको शिव चालीसा का भावार्थ और लाभ बताने वाले हैं।

शिव चालीसा की महिमा

शिव चालीसा मेम भगवान गणेश और शिव जी की महिमा का सुंदर वर्णन किया गया है। महादेव की जटा में गंगा और गले में मुंडमाल के बारे में बताया गया है। भोले बाबा ने देवताओं की रक्षा के लिए विष पिया और त्रिपुरासुर जैसे राक्षसों का संहार किया। शिव चालीसा के अनुसार, भगवान शिव भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं, इसीलिए उन्हें भोले-भंडारी के नाम से भी भक्त प्यार से पुकारते हैं। शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से भय, रोग और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।

शिव चालीसा पाठ की विधि

हर रोज सुबह जल्दी उठकर प्रात: काल में शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ होता है। पाठ के बाद, भगवान भोलेनाथ से अपनी मनोकामना प्रेम और विश्वास से कहें। शिव चालीसा की चौपाई के अनुसार, इसकी रचना विक्रम संवत 1964 (यानी सन 1907) में मंगसिर मास की छठि तिथि और हेमंत ऋतु के समय में की गई। संत अयोध्भयादास जी ने भगवान शिव की स्तुति में यह चालीसा लोगों के कल्याण के लिए लिखी।

श्री शिव चालीसा | Shiv Chalisa Hindi

॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

॥चौपाई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

अयोध्यादास आस कहैं तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥दोहा॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीस।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥

मगसिर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥


शिव चालीसा के लाभ | Shiv Chalisa Reading Benefits

  1. शिव चालीसा पढ़ने से मन का डर और भ्रम दूर होता है।
  2. मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
  3. सारी परेशानियां और बाधाएं खत्म होने लगती हैं।
  4. सेहत अच्छी रहती है और रोग नहीं घेरते।
  5. पैसा आता है और गरीबी खत्म होती है।
  6. हिम्मत और खुद पर भरोसा बढ़ जाता है।
  7. सच्चे मन से पाठ करने पर हर मनोकामना पूरी होती है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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