AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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शहर की नगर पालिका परिषद के पास 2-2 जल आवर्धन योजना होने के बावजूद शहर के सभी 33 वार्डों में 24 घंटे भरपूर पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। आगामी सीजन से गर्मी की शुरुआत होनी है। जिसे देखते हुए अब तक वैनगंगा नदी के छोटे पुल में राहत का डैम बन जाना था, लेकिन अब तक मौके पर काम शुरू नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार भीषण गर्मी में भी शहर में पेयजल मुहैया हो सकें, इसके लिए वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर बांध बनाकर नदी के जल को एकत्रित किया जाता है। ताकि फिल्टर प्लांट की मोटर में पानी की उपलब्धता बनी रहे। शहर में गर्मीभर एक समय किसी तरह से पानी मुहैया कराया जा सकें। लेकिन इस बार बार पुल पर पानी रोकने कोई प्रयास शुरू नहीं किए गए हैं।
बता दें कि वर्ष 2017 में समय पर डैम बनाकर पानी नहीं रोका गया था। भीषण गर्मी के दौरान शहर में भारी जल संकट गहरा गया था। पेयजल की आपूर्ति करने नपा को काफी जतन करने पड़े थे। यहां तक की नदी में कुंआ बनाकर कुछ समय तक पानी सप्लाई की व्यवस्था बनानी पड़ी थी। उस समय की गई भूल का नपा ने शायद सबक नहीं लिया है। वैनगंगा नदी से लगातार पानी बहने दिया जा रहा है। इसी तरह से छोटे पुल के नीचे से पानी बहते रहा तो 2017 का इतिहास पुन: दोहराने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। शहरवासियों को एक बार फिर भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
शहर वासियों को गर्मी में भरपूर पानी उपलब्ध करने प्रतिवर्ष दिसंबर माह में ब्रिटिश कालीन वैनगंगा नदी के छोटे पुल को 3 से 5 फीट ऊंचे शटर से बांधा जाता है। शटर लगने से एक निर्धारित मात्रा में जल संचय नदी में हो जाता है। पानी अधिक स्टोर होने पर ओवल फ्लो होकर पानी आगे निकल जाता है और नदी में जागपुर घाट तक भी पानी की धार बनी रहती है। लेकिन इस वर्ष पुल बांधने को लेकर किसी प्रकार का कार्य पुल पर शुरू नहीं किया गया है।
वैनगंगा छोटे पुल पर इस बार नपा को डैम निर्माण के पूर्व सफाई कार्य की जद्दोजहद भी करनी पड़ेगी। बारिश के दिनों में बहकर आई लकडिय़ां और डूंडे पुल के नीचे फसे हुए हैं। बड़ी मात्रा में कचरा और गंदगी पुल के नीचे अट गए हैं। इनकी सफाई करना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा पुल के उपरा हिस्सा भी काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां से वाहन चालाना संभव नहीं हो सकेगा। डैम निर्माण के साथ ही पुल के उपरी हिस्से की मरम्मत किए जाने की आवश्यकता भी बनी हुई है।
वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर स्टाप डैम बनने के बाद शहर की जनता को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। पिछले कई सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वैनगंगा का दामन हमेशा भरा रहता है। इस नदी ने हमेशा सैकड़ों गांव की जनता के गले तर किए गए हैं। शादी विवाह अथवा अन्य बड़े आयोजनों में भी यहीं का पानी पहुंचाया जाता है। वर्ष 2017 को छोड़ शहर में कभी जल संकट नहीं गहराया है। वर्तमान में वैनगंगा का पानी काफी बह चुका है। समय पर छोटे पुल पर चेनल गेट लगाकर पानी का संचय करने की दरकार बनी हुई है।
वर्सन
छोटे पुल पर डैम बनाने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर खुलने पर शीघ्र ही संबंधित एजेंसी से निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। सप्ताह भर में कार्य प्रारंभ करने का प्रयास है।
बीडी कतरोलियां, सीएमओ नपा बालाघाट
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Published on:
27 Dec 2025 12:04 pm


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