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96 दिन से सील हैं सीसीएफ व दक्षिण उत्पादन डीएफओ का कार्यालय

25 साल पुराने मामले में कलकता हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यालय सील करने की हुई है कार्रवाई

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25 साल पुराने मामले में कलकता हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यालय सील करने की हुई है कार्रवाई
25 साल पुराने मामले में कलकता हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यालय सील करने की हुई है कार्रवाई

बालाघाट. मध्यप्रदेश का बालाघाट इकलौता जिला है, जहां मुख्य वनसंरक्षक (सीसीएफ) व दक्षिण उत्पादन वनमंडलाधिकारी का कार्यालय 11 जुलाई से सील है। दोनों अधिकारी 96 दिन से अपने कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं और विभाग इसे अब तक नहीं खुलवा पाया है।

दोनों कार्यालयों को उच्च न्यायालय कलकत्ता से आई टीम ने सील किया है। कार्यालय सील होने के बाद दक्षिण उत्पादन वनमंडल कार्यालय के डीएफओ अरिहंत कोचर तीन बार कलकत्ता (कोलकता) जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकल पाया है।

यह है मामला

पश्चिम उत्पादन वनमंडल कार्यालय को वर्ष 2013 में दक्षिण उत्पादन वनमंडल में मर्ज किया गया। उक्त कार्यालय को मर्ज किए जाने के पहले कल्पतरू एग्रो फॉरेस्ट प्रा.लि. कलकत्ता की फर्म ने पश्चिम उत्पादन वनमंडल कार्यालय से वर्ष 1997 में 60 लॉट बांस के लिए निकाली गई निविदा में हिस्सा लिया। निविदा उसको मिली थी। गर्रा व लांजी डिपो से 43 लॉट बांस उसने उठा लिए। शेष बांस दूसरे डिपो से उठाने थे, जिसकी गुणवत्ता सही नहीं थी। उन्होंने उस समय इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। फिर उन्होंने इस मामले की याचिक उच्च न्यायालय कलकत्ता में लगाई। इस पर तीन माह पूर्व न्यायालय ने फैसला दिया कि 13 लाख लाभ का और 28 लाख रुपए ब्याज सहित जबसे मामला चल रहा है तब से फैसला होने तक उपलब्ध कराया जाए। वन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए तीन माह बाद 20 जून को कार्यालय कुर्क करने के आदेश दिए गए। इसके बाद 11 जुलाई को बालाघाट पहुंची टीम ने कार्यालय में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर निकालकर सील कर दिया। इसके बाद से अब तक दोनों कार्यालय सील है। सीसीएफ के पास रेंजर्स कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार है। डीएफओ उत्पादन के पास उक्त कॉलेज के अनुदेशक का प्रभार है। ऐसे में दोनों उक्त कार्यालय में बैठ रहे हैं। यदि दोनों के पास उक्त कार्यालय का प्रभार नहीं होता तो वे कहां बैठते इसका जवाब उक्त अधिकारियों के पास भी नहीं है।

दक्षिण उत्पादन वनमंडल की लापरवाही

दक्षिण उत्पादन वनमंडल के तत्कालीन डीएफओ ने उच्च न्यायालय कलकत्ता में चल रहे मामले में लगातार तीन वर्ष तक अपना पक्ष नहीं रखा। बताया जा रहा है कि लगातार पक्ष नहीं रखे जाने से इस मामले में दूसरी पार्टी के पक्ष में न्यायालय ने फैसला दिया। इसके बाद निर्धारित राशि जमा नहीं करने पर कार्यालय सील करने का आदेश न्यायालय ने दिया। बताया जा रहा है कि करीब तीन वर्ष तक नेहा श्रीवास्तव उक्त वनमंडल की डीएफओ रही, जिनके कार्यकाल में लापरवाही हुई है। वर्तमान डीएफओ अरिहंत कोचर है।

वर्जन - उच्च न्यायालय कलकत्ता में आवेदन फाइल करने की कार्रवाई की जा रही है। 28 अक्टूबर को आवेदन फाइल होगा। इसके बाद आगे सुनवाई होगी। - गौरव चौधरी, सीसीएफ बालाघाट

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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