AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बालाघाट. रेत माफिया के सामने जिला व पुलिस प्रशासन पंगु बना हुआ है। रेत माफिया नदियों से अवैध खनन व परिवहन करने के साथ बेखौफ होकर वाहनों के आने-जाने के लिए नदी के बीच अवैध रास्ता तैयार कर प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। रेत माफियाओं के इस हौसले को देखने के बाद उक्त बात कही जा रही है।
धरातल पर गौर करें तो खैरलांजी क्षेत्र के मप्र-महाराष्ट्र बार्डर पर स्थित शिवन घाट पर रेत माफिया लंबे समय से अवैध खनन कर रहे हैं। खनन की वजह से नदी की सूरत बिगड़ गई है। लेकिन जिम्मेदारों को यह मालूम ही नहीं है कि खनन करने वाला रेत माफिया मप्र का है या महाराष्ट्र का। नदी पर जिस तरह से मप्र की सीमा में अवैध खनन हुआ है। उसको देखते हुए पुलिस, राजस्व व खनिज विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि अवैध रेत खनन के बाद परिवहन करने नदी के बीच तैयार किया गया रास्ता एक दिन में नहीं बना है। उस रास्ते को बने हुए कुछ समय पार हो चुके हैं। अब सवाल यह है कि क्या जिम्मेदारों को इतनी भी फुर्सत नहीं कि वे यह देख सकें कि रेत माफिया पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं। खास है कि यदि इसी तरह नदियों के साथ क्रूरता होगी तो आने वाले दिनों में भयावह स्थिति का सामना करने के लिए जिलेवासियों को तैयार रहना होगा।
वर्जन - मप्र-महाराष्ट्र बार्ड पर स्थित शिवन घाट की शिकायत मिली है। जल्द ही वहां सुरक्षा बल को लेकर टीम के साथ कार्रवाई की जाएगी। - फरहत जहां, उप संचालक खनिज
अवैध खनन रोकने कराया गड्ढा, 10 दिन में 16 कार्रवाई
बालाघाट. ग्राम धपेरा स्थित बैनगगा नदी से अवैध रेत खनन की शिकायत पर बुधवार को उप संचालक खनिज फरहत जहां टीम के साथ पहुंची। उनके पहुंचने की जानकारी होते ही रेत माफियाओं में खलबली मच गई। सभी मौके से फरार हो गए। उन्होंने नदी तक जाने वाले रास्ते पर जेसीबी मशीन से गड्ढा करा दिया है।
बताया जा रहा है कि इसके पूर्व भी उन्होंने छह दिसम्बर को नदी जाने वाले मार्ग पर गड्ढा कराया था। उक्त नदी से रेत माफिया अवैध खनन करते हैं। इसकी लगातार शिकायत मिल रही है। उप संचालक फरहत जहां ने ‘पत्रिका’ को बताया कि एक से 10 दिसम्बर (मंगलवार) तक अवैध उत्खनन के 10 प्रकरण। अवैध भंडारण के तीन तथा अवैध परिवहन के तीन प्रकरण बनाए गए हैं। सात ट्रैक्टर-ट्राली तथा एक जे.सी.बी. जब्त किया गया है। उक्त प्रकरणों में म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के तहत कार्रवाई की गई है।
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Published on:
12 Dec 2025 05:15 pm


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