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जर्जर भवन में बैठकर बच्चे ले रहे शिक्षा, 297 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास खुद का भवन नहीं

बच्चे जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में बैठकर प्रारंभिक शिक्षा और पोषण आहार ले रहे हैं। जिले में 68 आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हैं या उनकी मरम्मत की जरूरत है। कई भवनों में बारिश के दौरान पानी भी रिसता है।

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बच्चे जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में बैठकर प्रारंभिक शिक्षा और पोषण आहार ले रहे हैं। जिले में 68 आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हैं या उनकी मरम्मत की जरूरत है। कई भवनों में बारिश के दौरान पानी भी रिसता है।

बच्चे जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में बैठकर प्रारंभिक शिक्षा और पोषण आहार ले रहे हैं। जिले में 68 आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हैं या उनकी मरम्मत की जरूरत है। कई भवनों में बारिश के दौरान पानी भी रिसता है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी की इमारतों का सर्वे कराया तो हकीकत सामने आई है। विभाग के मुताबिक वर्तमान में जिले के 1525 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 297 आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं। ये केंद्र किराए के भवन, शासकीय भवनों व सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे हैं। इन 297 आंगनबाड़ी केंद्रों में 90 केंद्र के नए भवन बनाए जा रहे हैं। इस वजह से आंगनबाड़ी का संचालन शासकीय भवनों, मंच एवं सामुदायिक भवनों में किया जा रहा है।

90 स्वीकृत भवनों में से 73 निर्माणाधीन

साल 2024-25 में कुल 90 नए आंगनबाड़ी भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी। इसमें से 13 भवन बनकर तैयार हैं जबकि लगभग 73 आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन है। इन भवनों को भी जल्द पूरा करने के निर्देश महिला बाल विकास विभाग ने दिए हैं, जिससे बच्चों को सुविधाएं मिल सके।

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जमीन नहीं मिलने के कारण 83 केंद्रों को नहीं बना भवन

महिला बाल विकास विभाग के मुताबिक जमीन नहीं मिलने के कारण 83 आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नहीं बना है। यही वजह है कि आंगनबाड़ी का संचालन किराए या फिर मंच व सामुदायिक भवनों में किया जा रहा है। जगह उपलब्ध होने के बाद आंगनबाड़ी भवन बनाया जाएगा।

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फैक्ट फाइल

जिले में कुल आँगनबाड़ी केंद्र 1525
भवन विहीन केंद्र 297
किराए के भवन में संचालित केंद्र 141
सामुदायिक भवन में संचालित केंद्र 106
नए आंगनबाड़ी केंद्र की स्वीकृति 90
आंगनबाड़ी भवन बन कर तैयार 13
निर्माणाधीन भवन 73
पूरक पोषण आहार ले रहे बच्चे 55 हजार

शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परेशानी

आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण के लिए जगह की बात करें तो शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। 83 आंगनबाड़ी केंद्रों में से अधिकांश शहरी क्षेत्र में है। जहां जमीन मिल रही है, वहां आंगनबाड़ी भवन की स्वीकृति भी मिल रही है। हाल ही में बालोद में एक व डौंडी शहर में तीन नए आंगनबाड़ी भवनों की स्वीकृति मिली है।

13 भवन बनकर तैयार

बालोद जिला महिला बाल विकास अधिकारी समीर पांडेय ने कहा कि जिले में जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों की जगह नए भवन बनाने की योजना है। वर्तमान में 90 केंद्रों में नए भवन की स्वीकृति हुई थी। इसमें से 13 भवन बनकर तैयार है। बाकी निर्माणाधीन है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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