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प्लेसमेंट कैंप और मेगा रोजगार मेला के बाद भी पंजीकृत बेरोजगार बढ़े

हर साल बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। दिसंबर की स्थिति में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगभग 90 हजार से भी ज्यादा हो गई है। पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्लेसमेंट कैंप, मेगा रोजगार मेला व अन्य माध्यम से वैकेंसी भी निकाली जा रही है।

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हर साल बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। दिसंबर की स्थिति में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगभग 90 हजार से भी ज्यादा हो गई है। पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्लेसमेंट कैंप, मेगा रोजगार मेला व अन्य माध्यम से वैकेंसी भी निकाली जा रही है।

Unemployed : बालोद जिले में हर साल बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। दिसंबर की स्थिति में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगभग 90 हजार से भी ज्यादा हो गई है। पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्लेसमेंट कैंप, मेगा रोजगार मेला व अन्य माध्यम से वैकेंसी भी निकाली जा रही है। प्रशासन प्लेसमेंट कराने का प्रयास भी कर रहा है। बावजूद बेरोजगारों की भी बेरोजगारी दूर नहीं हो रही है।

कुछ दिनों या माह में नौकरी को कह दिया अलविदा

तीन सालों में जिले में 16 प्लेसमेंट कैंप और रोजगार मेला का आयोजन किया जा चुका है। इन कैंपों में नौकरी की चाह में 2164 बेरोजगार पहुंचे। इनमें से 404 उम्मीदारों का चयन हुआ। इनमें से कई बेरोजगारों ने नौकरी की राह पकड़ी। कुछ दिनों या माह में नौकरी को अलविदा कह दिया। इसकी प्रमुख वजह यही है कि ऐसे रोजगार मेला या प्लेसमेंट कैंपों में जॉब देने ज्यादातर निजी कंपनियां ही आती हैं। ज्यादातर कंपनियां स्थानीय स्तर पर जॉब देने के बाद प्रदेश के दूसरे जिलों या फिर सीधे प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में जॉब ऑफर करती हैं। शुरुआत में वेतन भी अधिकतम 15 से 20 हजार रुपए तक मिलता है। इन कैंपों में पहुंचने के बाद वैसे भी आधे से ज्यादा बेरोजगार युवा पहले से ही हाथ खड़े कर देते हैं। हालांकि जिले में हुए प्लेसमेंट कैम्पों में प्रदेश की ही कंपनी ही शामिल हुई थी।

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तीन साल में प्लेसमेंट में कितने को मिला रोजगार

सन् - कुल प्लेसमेंट - बेरोजगार - मिला रोजगार
2023 - 5 - 329 - 127
2024 - 8 - 1088 - 150
2025 - 3 - 747 - 117
कुल - 16 - 2164 - 404

बेरोजगारी भत्ता भी मिलना बंद

प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का बेरोजगारी भत्ता भी बंद कर दिया गया। वर्ष 2023 में बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू करते हुए 2500 रुप भत्ता देने की शुरुआत हुई थी। अक्टूबर में चुनावी आचार संहिता लगने से भत्ता मिलना बंद हो गया। इसके बाद नई सरकार ने इस योजना को ही बंद कर दिया। ऐसे में नए रोजगार पंजीयन तो जरूर हो रहे हैं, लेकिन नवीनीकरण कराने वाले घटते जा रहे हैं। शासन ने पंजीयन की पूरी प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया है। अब किसी को रोजगार दफ्तर तक आने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसके कारण रोजगार कार्यालय में भी सन्नाटा रहता है।

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प्लेसमेंट कैंप में आए आवेदन से भी कम आते हैं बेरोजगार

प्लेसमेंट कैम्प में शामिल होने वाले युवा बेरोजगार पंजीयन तो जरूर कराते हैं। लेकिन जिस दिन प्लेसमेंट कैम्प रहता है, उस दिन कई बेरोजगार पंजीयन कराने के बाद भी नहीं आते। इन तीन साल की बात करें तो 16 प्लेसमेंट कैम्प में 29 नियोजक कंपनी थीं। कुल 7441 पद जॉब के लिए थे। कुल 2164 बेरोजगारों में मात्र 404 को ही रोजगार मिला।

हर साल युवाओं का चयन हो रहा

प्रभारी जिलार रोजगार अधिकारी एसके मानकर ने कहा कि विभाग की ओर से युवाओं को प्राथमिकता के साथ प्लेसमेंट कराने कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। हर साल युवाओं का चयन हो रहा है। ज्यादा नियोजकों को शामिल किया जा रहा है, जिससे ज्यादा प्लेसमेंट कराया जा सके।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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