AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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एक गंभीर बीमार मरीज को दो घंटे तक 108 एंबुलेंस Ambulance नहीं मिली। मजबूरन मरीज को मालवाहक गाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा। राज्य Karnataka के उडुपी जिले में सोमवार देर शाम की इस घटना ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं और सरकार के दावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
परिवार का आरोप है कि मरीज Patient की हालत बिगड़ रही थी। परिजनों ने शाम 7 बजे से रात 9.30 बजे तक कई बार 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन हर बार जवाब मिला, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। निजी एंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं हो पाई। इस दौरान मरीज की स्थिति लगातार खराब होती गई। ऐसे में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विशु शेट्टी आगे आए और अपने मालवाहक वाहन में एक खाट रखकर मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले एक वर्ष से 108 सेवा अव्यवस्थित है और कई मरीज समय पर सहायता न मिलने के कारण परेशान रहे हैं।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक उडुपी में 18 एंबुलेंस हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इनमें से सिर्फ 5 से 6 ही नियमित रूप से चल रही हैं। तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए लोगों ने कहा कि शिकायतों के बावजूद सरकार या जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
उडुपी के विधायक यशपाल सुवर्ण ने आरोप लगाया कि सरकार उडुपी जिले की स्वास्थ्य जरूरतों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। पिछले दो सालों में कई मरीजों को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है। 108 एंबुलेंस सेवा बार-बार बाधित हुई है। स्वास्थ्य मंत्री को कई बार जानकारी देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को अनुचित शिफ्ट पैटर्न, कम वेतन, वाहन रखरखाव समस्याएं और खराब कार्यस्थल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
10 Dec 2025 07:09 pm


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