AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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अखिल भारतीय शिक्षा बचाओ समिति All India Save Education Committee, कर्नाटक Karnataka ने गुरुवार को शहर में राज्य स्तरीय जन समावेश आयोजित कर कर्नाटक पब्लिक स्कूल (केपीस)-मैग्नेट KPS-Magnet योजना और सरकारी स्कूलों के संभावित बंद होने के खिलाफ आवाज उठाई। आयोजन में पूर्व कुलपति, शिक्षाविद, लेखक, अभिभावक, छात्र और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कन्नड़ विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस. जी. सिद्धरामय्या ने आरोप लगाया कि यह योजना लगभग 40,000 सरकारी स्कूलों को कमजोर करने वाली है और गरीब, मजदूर, दलित तथा हाशिए के समुदायों के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। कई वक्ताओं ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण बढ़ा रही है, जिसने शिक्षा को महंगा और असमान बना दिया है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस योजना को तत्काल वापस ले और किसी भी सरकारी स्कूल को बंद न करने की लिखित घोषणा करे।
शिक्षाविदों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के आधार पर सरकारी स्कूलों को बंद करने के कदम की आलोचना की और कहा कि यह संविधान और शिक्षा के अधिकार कानून की भावना के खिलाफ है। वक्ताओं ने यह भी चेतावनी दी कि गांव के स्कूलों को केपीएस-मैग्नेट स्कूल में मिलाने से विशेषकर लड़कियों की शिक्षा गंभीर रूप से प्रभावित होगी।समिति के नेताओं ने कहा कि यह जन-समावेश सरकार के खिलाफ बड़े जन आंदोलन की शुरुआत है और सरकार को स्पष्ट चेतावनी है कि वह सरकारी स्कूलों को बचाने के कदम उठाए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
12 Dec 2025 07:38 pm


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