AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बरेली। फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का जीएसटी आईटीसी हड़पने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। बरेली जोन की वाणिज्य कर टीम ने जांच में ठाकुर इंटरप्राइजेज नाम की फर्म को बोगस पाया है। बताया जा रहा है कि फर्म के कागजी खेल के जरिए करीब 4.39 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पास ऑन किया गया। विभाग ने फर्म मालिक अभिषेक ठाकुर के खिलाफ बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार फर्म ने जुलाई से नवंबर 2024 तक एनआईएल रिटर्न दाखिल किए, जबकि दिसंबर 2024 में अचानक कई संस्थानों को सप्लाई दिखा दी। हैरानी की बात यह रही कि फर्म ने कोई सामान खरीदा ही नहीं, लेकिन करोड़ों की आउटवर्ड सप्लाई दिखा दी।
सवाल उठने पर जांच की गई तो पता चला कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन जिस पते पर है—हाउस नंबर 202, नवादा शेखान, पीलीभीत बाईपास, बरेली—वह एक रिहायशी घर निकला। वहां नीलम निवास का बोर्ड लगा था, जबकि फर्म का कोई नाम-निशान नहीं मिला।
मौके पर मिले वेदपाल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी नीलम सिंह की मौत 2021 में ही हो गई थी। जबकि पोर्टल में अपलोड किरायानामा 16 जनवरी 2024 का दिखाया गया है, जिसमें वही मकान फर्म को किराए पर दिखाया गया। यानी किरायानामा भी फर्जी पाया गया। पूछताछ में वेदपाल सिंह और अन्य लोगों ने फर्म मालिक अभिषेक ठाकुर को पहचानने से भी इनकार कर दिया।
विभाग की जांच में सामने आया कि फर्म ने बिना किसी वास्तविक माल की आपूर्ति के सिर्फ कागजों पर हेराफेरी कर सरकारी खजाने को भारी चूना लगाया। अधिकारियों के मुताबिक फर्जी बिलिंग के जरिए करीब 2441.95 लाख रुपए की सप्लाई दिखाकर 439.55 लाख रुपए का अवैध आईटीसी पास ऑन किया गया। फर्म ने कोई टैक्स जमा भी नहीं किया। राजस्व चोरी की पुष्टि होने के बाद वाणिज्य कर विभाग ने फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक ठाकुर, निवासी लोमा, वैशाली, बिहार के खिलाफ बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
01 Nov 2025 01:52 pm


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