AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

0 स्टॉक मार्केट और गेमिंग ठगी का नेटवर्क चकनाचूर, 15 गिरफ्तार, फर्जी सिम सप्लायरों पर भी बरेली पुलिस का शिकंजा
0 दुबई रिटर्न मास्टरमाइंड समेत साइबर गिरोह पकड़ा, 69 लैपटॉप-50 सिम बरामद, ठगों की सांसें अटकीं
0 जामताड़ा मॉडल ढहा-बरेली रेंज में साइबर ठगी पर डिजिटल वार, फर्जी कॉल सेंटर ताश के पत्तों की तरह बिखरे
बरेली। डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी के निर्देश पर परिक्षेत्र के चारों जिलों में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान छेड़ दिया है। ऑनलाइन स्टॉक मार्केट निवेश और गेमिंग ऐप, साइबर स्लेवरी के नाम पर चल रहे साइबर सिंडीकेट का शाहजहांपुर और पीलीभीत पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया, जबकि बरेली पुलिस ऐसे मामलों में अब तक 13 मुकदमे दर्ज कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम बेचने वाले एजेंटों और दुकानदारों पर भी कड़ी कार्रवाई कर रही है। अभियान का फोकस फर्जी सिम, फर्जी कॉल सेंटर और फर्जी ऐप के जरिए चल रहे पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना है। बरेली परिक्षेत्र की साइबर क्राइम सेल ने सबसे पहले प्रतिबिंब पोर्टल पर चिन्हित संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। इसमें पता लगा कि SLG DIGI PVT. LTD.के नाम से शाहजहांपुर के जलालाबाद में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है।
साइबर ठग 77DATA.NET वेबसाइट से 1000 मोबाइल नंबरों का डेटा 5000 रुपये में खरीदते थे। इन नंबरों पर ग्लोबल ट्रेड नाम की फर्जी कंपनी बनाकर कॉल की जाती थी। GLOBAL TRADE APK नाम का ऐप और लिंक (globaltrade247.com/app) भेजा जाता और क्यूआर कोड के जरिए निवेश कराए जाते थे। ऐप पर निवेशकों को तीन गुना मुनाफे का फर्जी आंकड़ा दिखाया जाता। जैसे ही कोई व्यक्ति पैसा निकालने की कोशिश करता, उसका अकाउंट बंद कर दिया जाता और आगे और रकम लगाने का दबाव बनाया जाता। ठगी की रकम अलग-अलग म्यूल अकाउंट्स में भेजकर निकाल ली जाती। इस गैंग ने अब तक 50 मोबाइल नंबर और 13 से अधिक बैंक खातों का उपयोग देशभर में साइबर ठगी के लिए किया था।
डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी ने कहा कि डिजिटल दुनिया में भी कानून का शिकंजा और जनता की सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि अब तक रेंज में जितने गैंग पकड़े गये हैं। उनका नेटवर्क यूपी से उत्तराखंड, दिल्ली और दुबई समेत कई देशों तक फैला हुआ है। वहां भी कार्रवाई की गई है। पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाएगा, किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। इसी अभियान के हिस्से के रूप में बरेली पुलिस ने अब तक साइबर ठगी से जुड़े आठ मुकदमे दर्ज किए हैं। जांच में यह साफ हुआ कि अधिकतर मामलों में अपराधियों ने फर्जी या प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम बेचने वाले एजेंटों और दुकानदारों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ऐसे विक्रेताओं को चिन्हित कर उनकी आईडी, रजिस्ट्रेशन और बिक्री रिकॉर्ड की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में साइबर ठगी के लिए सिम सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ी जा सके। उन्होंने जनता से सीधी अपील की है कि लालच, लिंक और अनजान कॉल से रहें दूर रहें। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए हमेशा अपना डीमैट अकाउंट खोलें, किसी अनजान कंपनी की ऐप, APK फाइल या लिंक से बचें, संदिग्ध कॉल या क्यूआर कोड पर भरोसा न करें, किसी भी संदिग्ध नंबर या ठगी की कोशिश पर तुरंत साइबर हेल्पडेस्क या नजदीकी थाने को सूचना दें। साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
पीलीभीत में घुंघचाई थाना क्षेत्र स्थित अजितपुर बिल्हा गांव में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया। यहां से 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इस गैंग का मास्टरमाइंड अमृतपाल 2024 में दुबई गया था। वहां से प्रतिबंधित गेमिंग वेबसाइट FAIRPLAY247.GAMES जैसी साइट्स के जरिए ठगी का तरीका सीखकर लौटा था। अमृतपाल और उसके साथी फेसबुक, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम पर गेमिंग विज्ञापन चलाकर लोगों को लुभाते थे। लिंक पर क्लिक करते ही गिरोह को मोबाइल नंबर और डिवाइस की जानकारी मिल जाती। शुरुआत में लोगों को जानबूझकर जितवाया जाता, ताकि भरोसा बन सके। जैसे ही पीड़ित बड़ी रकम लगाने लगाता, उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता और ठगी की रकम पहले से तय किराये के खातों में ट्रांसफर कर ली जाती।
पुलिस ने 69 लैपटॉप, 34 लैपटॉप चार्जर, 9 की-बोर्ड, 6 माउस, 1 प्रिंटर, 1 यूपीएस, 4 एलईडी टीवी, 1 सीपीयू, 10 मोबाइल फोन, 4 वाई–फाई सेटअप, 26 नए एयरटेल सिम, 10 खुली सिम, 1 बैंक ऑफ इंडिया का क्यूआर कोड, 2 चेकबुक, 4 मोटरसाइकिल और 1 महिंद्रा थार कार बरामद की। पीलीभीत पुलिस ने 15 लैपटॉप, 20 मोबाइल फोन, 2 सीपीयू, 2 एलसीडी,
1 छोटा प्रिंटर, 5 फर्जी आधार कार्ड, 7 बैंक पासबुक, 3 चेकबुक, 9 सिम कार्ड, 1 यूएई आईडी, 1 दुबई सिम, अन्य पैन कार्ड–ड्राइविंग लाइसेंस, 59,500 रुपये रिकवर किये।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Updated on:
21 Dec 2025 08:05 pm
Published on:
21 Dec 2025 07:07 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।