AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बरेली। पंचायत निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण ने जिले में सियासी हलचल मचा दी है। इस बार के पुनरीक्षण में बरेली जिले के 2.74 लाख मतदाताओं को अपात्र मानते हुए वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। अब इन सभी कटे हुए नामों की सूची ग्राम पंचायत स्तर पर सार्वजनिक रूप से चस्पा की जाएगी, जिससे हड़कंप मचना तय है।
राज्य निर्वाचन आयोग की उप निर्वाचन आयुक्त शेरी ने जिला निर्वाचन अधिकारी को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पंचायत निर्वाचक नामावली मदर रोल-2025 के तहत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में मतदाताओं को 12.30 करोड़ यूनिक कोड आइडी (एसवीएन—स्टेट वोटर नंबर) आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अनंतिम प्रकाशन के दौरान प्रदेश भर में 1.42 करोड़ मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं। इसमें अकेले बरेली जिले के 2.74 लाख मतदाता शामिल हैं। इन सभी मतदाताओं के एसवीएन को पूरी तरह फ्रीज कर दिया गया है, यानी अब वे मताधिकार से बाहर माने जाएंगे। उप निर्वाचन आयुक्त ने यह भी साफ किया कि पुनरीक्षण के दौरान जिन नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं, उन्हें अंतिम प्रकाशन के समय ही एसवीएन आवंटित किया जाएगा। वहीं जिन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, उनके फ्रीज किए गए एसवीएन का विवरण अनंतिम प्रकाशन के साथ सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा।
सबसे अहम बात यह है कि मतदाता सूची के साथ-साथ नाम कटने वालों की अलग सूची ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी। इससे ग्रामीण इलाकों में नाराजगी और सवालों का उठना तय माना जा रहा है। पुनरीक्षण की इस सख्त कार्रवाई से पंचायत चुनाव से पहले जिले की सियासत गरमा गई है। अब देखना होगा कि कटे नामों को लेकर कितनी आपत्तियां और दावे सामने आते हैं।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
20 Dec 2025 10:32 pm


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