Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

कारखानों पर बार-बार नहीं लगेंगे ताले…ड्रेन फार्मूला खत्म कर देगा डर

जोधपुर, पाली, बालोतरा, जसोल और बिठूजा में प्रदूषित पानी की समस्या का स्थाई हल नहीं निकलने से बार-बार एनजीटी(राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) तक यह मामला पहुंचता है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

बाड़मेर.
जोधपुर, पाली, बालोतरा, जसोल और बिठूजा में प्रदूषित पानी की समस्या का स्थाई हल नहीं निकलने से बार-बार एनजीटी(राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) तक यह मामला पहुंचता है। प्राधिकरण प्रदूषण फैलाने के कारण इन कारखानों को बंद करने के आदेश करता है। कई बार महीनों कारखानों पर ताले लग जाते है। इससे व्यापारी, मजदूर वर्ग और प्रत्यक्ष परोक्ष जुड़े हुए लाखों लोगों के रोजगार पर संकट आता है। ड्रेन बनाने की योजना कारगर होती है तो फिर कारखाने बंद करने की नौबत भी खत्म हो जाएगी।
प्रदूषित पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट तो लगे है लेकिन इनकी क्षमता पर्याप्त नहीं है। प्रदूषित पानी इससे कई गुणा है। ऐसे में इस पानी को लूणी नदी में बहाया जाता है और नदी में प्रदूषण पानी बढ़ते ही एनजीटी तक शिकायत पहुंचती है। एनजीटी की ओर से इन कारखानों को तत्काल प्रभाव से बंद कर प्रदूषित पानी के बहाव को रोकने के आदेश किए जाते है। इन आदेशों की पालना में ये कारखाने कई दिनों तक बंद रखने की नौबत कई बार आई है।
करोड़ों का व्यापार होता है प्रभावित
बालोतरा, जसोल, बिठूजा, जोधपुर और पाली से महीने का 100 करोड़ से अधिक का व्यापार प्रत्यक्ष और परोक्ष इससे भी ज्यादा है। ये इंडस्ट्री भीलवाड़ा, अहमाबाद और दक्षिण के राज्यों से भी जुड़ी है। ऐसे में एक बार कारखाने बंद होते ही यहां के हजारों व्यापारी, श्रमिक और अन्य भी रोजगार को लेकर पशोपश में आ जाते है।
करोड़ों खर्च करने पड़ते है
एनजीटी में मामला पहुंचने के बाद व्यापारियों को कोर्ट कचहरी के चक्कर में भी करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते है। इसके अलावा ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर भी व्यापारियों पर भार बढऩे लगा है।
फिर बंद नहीं होंगे कारखाने
ड्रेन का निर्माण होने से यह पानी जोधपुर, पाली से लेकर कच्छ के रण तक बीच में कहीं पर प्रदूषित नहीं होगा। इसके अलावा इस पानी से वनीकरण, बागवानी, ट्रीटमेंट प्लांट संचालित होते है तो यह कच्छ के रण तक पहुंचने से पहले ही अधिकांश उपयोग में आ जाएगा।
उल्टा देगा ऑक्सीजोन
प्रदूषिण की समस्या की बजाय यह पानी वनीकरण होते ही यहां ऑ क्सीजोन देगा जो कार्बन डाई ऑक्साइड को कम कर देगा। इससे पूरे रेगिस्तान में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी। हीटवेव की समस्या से भी निजात मिलेगा और पर्यावरण संतुलन के लिए उपयोगी होगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar