AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बाड़मेर जोधपुर, पाली, बालोतरा की करीब पांच हजार औद्योगिक व स्टील इकाइयों से निस्तारित हो रहा प्रदूषित पानी हजारों बीघा जमीन के लिए जहर बन चुका है। ट्रीटमेंट प्लांट अपर्याप्त होने से अधिशेष पानी को लूणी नदी में चोरी-छिपे छोड़े जाने से जमीन खराब हो रही है। बाड़मेर से जामनगर (गुजरात) तक पाइपलाइन से कच्चा तेल भेजा जा रहा है, तो अब इसी तर्ज पर एक ड्रेन (पाइपलाइन/नाला) बनाकर प्रदूषित पानी को कच्छ की खाड़ी तक पहुंचाया जाए, तो जहरीले पानी की समस्या जड़ से खत्म हो सकती है।जोधपुर, बाड़मेर, पाली, बिठूजा और जसोल में करीब 5000 औद्योगिक इकाइयां हैं। इन इकाइयों से बड़ी मात्रा में प्रदूषित पानी निस्तारित होता है। यह पानी लूणी नदी में लगातार पांच दशकों से अधिक समय से बहाया जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हुई है और लाखों बीघा नदी किनारे की जमीन खराब हो चुकी है। आसपास की आबोहवा में भी जहर घुला है। प्रदूषित पानी के ट्रीटमेंट के लिए जोधपुर, पाली, बालोतरा में ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन उनकी क्षमता पर्याप्त नहीं है।
ड्रेन सिस्टम से समाधानट्रीटमेंट प्लांट के अतिरिक्त अधिशेष पानी को सीधे नदी में डालने की बजाय जोधपुर, पाली, बालोतरा, बिठूजा और जसोल को जोड़ने वाला एक ड्रेन सिस्टम बनाया जा सकता है। यह ड्रेन सिस्टम प्रदूषित पानी को कच्छ की खाड़ी तक ले जाएगा, जिससे बीच के खेत-खलिहान और नदी की जमीन नुकसान से बच जाएगी।कैसे होगा यह इंतजाम
बाड़मेर में 2003 में मंगला ऑयल फील्ड की खोज हुई। 2009 में तेल उत्पादन शुरू हुआ और गुजरात के जामनगर तक हिटिंग पाइपलाइन बनाई गई। इस पाइपलाइन में हिटिंग सिस्टम भी है, जिससे तेल को गर्म रखा जाता है। वर्ष 2009 से अब तक करीब 16 वर्षों से यह तेल रिफाइनरी तक पहुंच रहा है। इसी तर्ज पर प्रदूषित पानी के लिए ड्रेन सिस्टम बने तो उसका प्रवाह भी निरंतर बना रहेगा।यह हो रहा है नुकसान
- जोधपुर की इकाइयों से निष्कासित पानी से धवा, डोली, आराबा, कल्याणपुर में हालात गंभीर- पाली की इकाइयों से निस्तारित पानी समदड़ी क्षेत्र के गांवों को नुकसान पहुंचा रहा
- बालोतरा, बिठूजा, जसोल की इकाइयों से निकला पानी बालोतरा से गुड़ामालानी-गांधव तक नुकसान कर रहाहमने प्रस्ताव भेजा है
राज्य सरकार को इस आशय का प्रस्ताव लघु उद्योग भारती की ओर से दिया गया है, जिसमें ड्रेन सिस्टम बनाकर उद्योगों की इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। इससे राज्य सरकार के लिए प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा और उद्योगों को भी संजीवनी मिलेगी।- शांतिलाल बालड, प्रदेश अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
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Published on:
27 Jun 2025 06:27 pm


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