AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
बाड़मेर .जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेलवे लाइन के दुबारा सर्वे ने नई आस जगाई है। इसके लिए 10 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। 1996 में इस योजना की मांग उठने के बाद 2003 में सर्वे को पहली बार बजट जारी हुआ था। लेकिन 2013 में इसे अनार्थिक घोषित कर दिया गया था। करीब 12 साल से रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग धीमी नहीं पड़ी।
जैसलमेर-बाड़मेर से भाभर तक रेलवे लाइन 41 स्टेशनों को जोड़ते हुए आगे बढ़ सकती है। इन स्टेशनों से जुड़ने के बाद जैसलमेर और बाड़मेर सीधे गुजरात से जुड़ेंगे। आगे रेलवे कनेक्टिविटी होने से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक जुड़ सकते हैं। वर्ष 1996 में इस मांग को लेकर कार्य प्रारंभ हुआ। 1999 में इसकी ठोस पैरवी की गई। 2003 में सर्वे के लिए बजट जारी कर सर्वे प्रारंभ हुआ। रेलवे ने इसकी रिपोर्ट बनाकर 2009 में भेज दी थी। इसके बाद 2013 में इस रेलवे लाइन को रेलवे मंत्रालय ने अनार्थिक घोषित कर दिया। लेकिन इसके बाद भी लगातार इस रेलवे लाइन के लिए स्थानीय लोग मांग करते रहे।पत्रिका ने बनाया कई बार प्रमुख मुद्दा
2013 में इसे अनार्थिक घोषित होते ही राजस्थान पत्रिका की ओर से इसे मुद्दा बनाया गया। तेल, गैस, कोयला और आर्थिक तरक्की का दौर शुरू होने के बाद भी इसे अनार्थिक घोषित करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए पैरवी की गई। इस अभियान से लोग भी जुड़े और रेलवे के मुख्य प्रबंधक तक ज्ञापन पहुंचाए गए। पत्रिका के इस मुद्दे को सांसद उम्मेदाराम ने संसद में भी उठाया और पुनः इस योजना को लागू करने की मांग की गई।यह बन सकते हैं बड़े आधार
- तेल, गैस और कोयले से आर्थिक स्थिति मजबूत- सोलर हब बन रहा है बाड़मेर-जैसलमेर
- जीरा, ईसबगोल, बाजरा और अन्य फसलें पहुंच रही हैं गुजरात- सोनू लाइम (जैसलमेर) भी जाता है गुजरात
- यात्री भार लगातार बढ़ रहा है गुजरात की ओर- सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है यह मार्ग
फैसले का स्वागत...जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेलवे लाइन की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसका एक बार सर्वे हो चुका है। दुबारा सर्वे होता है तो बेहतर है। सर्वे के बाद यह अनार्थिक घोषित न हो, इसके लिए ठोस पैरवी जरूरी है।
- किरण मंगल1996 से अब तक करीब 29 साल से यह मांग है। पहले 2009 में उम्मीद जगी थी, लेकिन 2013 में इसे अनार्थिक कर दिया गया। अब फिर से सर्वे बजट जारी हुआ है, तो आने वाले समय में यह रेलवे लाइन बिछे इसके लिए लगातार पैरवी करनी होगी।
- जितेन्द्र कुमार छंगाणीदुबारा सर्वे होगा
पहले सर्वे हो चुका है। अब दुबारा सर्वे किया जाएगा। यह अच्छी बात है। संसद में पैरवी की थी। यह मार्ग शुरू करवाने की बाड़मेर-जैसलमेर के लोगों की प्रमुख मांग है।- उम्मेदाराम बेनीवाल, सांसद
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Published on:
05 Jul 2025 11:32 am


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।