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मानसून की मेहरबानी: छापरवाड़ा बांध में जलभराव से 52 गांवों को मिलेगा लाभ

छापरवाड़ा बांध का लबालब होना क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। हालांकि, नहरों के रखरखाव और समय पर सफाई जैसे मुद्दों पर प्रशासन को अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

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छापरवाड़ा बांध
छापरवाड़ा बांध से विभिन्न गांवों में जा रही नहरें पानी से भर गई है।

दूदू का छापरवाड़ा बांध इस वर्ष मानसून की अच्छी मेहरबानी से लबालब हो गया है, जिससे फागी, मौजमाबाद, माधोराजपुरा और मालपुरा क्षेत्र के हजारों किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है। यह बांध इन क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा समान है, खासकर उन तहसीलों के लिए जहां भूजल स्तर बहुत नीचे है और कुओं व नलकूपों से सिंचाई नगण्य होती है। यह बांध न केवल दूदू बल्कि तीन विधानसभा क्षेत्रों के इन चारों उपखंडों के गांवों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता है। 11,741 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई होती है और बांध की 105 किलोमीटर लंबी नहरों का जाल फैला हुआ है। मुख्य रूप से दूदू, फागी और मौजमाबाद तहसील के 52 गांवों के खेतों को सीधे इस बांध से पानी मिलता है, जिससे उनकी कृषि पैदावार सुनिश्चित होती है। छापरवाड़ा बांध का लबालब होना क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। हालांकि, नहरों के रखरखाव और समय पर सफाई जैसे मुद्दों पर प्रशासन को अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि बांध के पानी का अधिकतम और कुशल उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

टेल तक पानी पहुंचने की उम्मीद, बढ़ेगी पैदावार
किसानों ने बताया कि बांध में पर्याप्त पानी की आवक होने के कारण इस वर्ष टेल (अंतिम छोर) तक पानी पहुंचने की प्रबल संभावना है। यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि कई बार पानी की कमी के चलते नहरों के अंतिम छोर पर स्थित खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता था। उल्लेखनीय है कि फागी उपखंड के गांवों में सिंचाई होने के बाद सुल्तानिया गांव में छापरवाड़ा बांध का पानी पहुंचने से नहर के माध्यम से यह माधोराजपुरा उपखंड में भी सिंचाई के लिए जा सकेगा। इससे अधिक भूमि की सिंचाई होगी और किसानों की पैदावार में उल्लेखनीय इजाफा होगा। किसान खरीफ की फसल के बाद रबी की फसल में सरसों, गेहूं, तारामीरा और चना की बुवाई करेंगे। छापरवाड़ा बांध के पानी की उपलब्धता से इस रबी सीजन में उनकी पैदावार बढ़ने की उम्मीद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

नहरों की सफाई पर सवाल
तेज बरसात के कारण छापरवाड़ा बांध से विभिन्न गांवों में जा रही नहरें पानी से भर गई है। हालांकि, जानकार सूत्रों का मानना है कि विभाग की ओर से इन नहरों की सफाई के लिए टेंडर छोड़े जाने तक बरसाती पानी से नहरें पूर्ण रूप से खाली हो जाएंगी। पिछले वर्ष भी चकवाड़ा गांव से गुजर रही छापरवाड़ा की नहर की टेंडर के बाद भी सफाई नहीं होने का विवाद सामने आ चुका है। यह मुद्दा फिर से सुर्खियों में है क्योंकि उचित समय पर नहरों की सफाई न होने से पानी की बर्बादी और टेल तक पानी न पहुंचने की समस्या बनी रहती है।

इनका कहना है…
नहरों की मरम्मत करने का टेंडर बारिश के बाद छोड़ा जाएगा।
शंकर लाल, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग, दूदू

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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