AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बैतूल। मुख्यमंत्री की गरीबों को पट्टा वितरण की घोषणा के बाद बैतूल नगरपालिका ने पट्टों के लिए कराए गए सर्वे का काम पूरा कर उसकी रिपोर्ट तहसील कार्यालय को सौंप दी है। सर्वे में फिलहाल 605 पट्टे चिन्हित किए गए हैं, लेकिन नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि अभी सभी आवेदनों की एंट्री नहीं हो सकी है। ऐसे में यह संख्या 650 से ऊपर पहुंचने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
रिपोर्ट तहसील कार्यालय पहुंचने के बाद अब अगला चरण शुरू होगा, जिसमें राजस्व निरीक्षक (आरआई) और पटवारी आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों एवं भूमि की गहन जांच करेंगे। इस जांच में यह परखा जाएगा कि जिस भूमि पर पट्टा मांगा गया है, वह कहीं आम रास्ते, नाले, तालाब या शासकीय उपयोग की जमीन तो नहीं है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि मकान नाले या तालाब से 50 मीटर की तय सीमा के भीतर तो नहीं बनाए गए हैं और भूमि किस मद में दर्ज है।
सबसे अधिक आवेदन विवेकानंद वार्ड से मिले
राजस्व विभाग के अनुसार इन सभी बिंदुओं की जांच के बाद ही कब्जाधारियों को पट्टा देने का निर्णय लिया जाएगा। चूंकि शासन स्तर से पट्टा वितरण की समय-सीमा पहले से तय है, ऐसे में अधिकारियों पर जांच प्रक्रिया जल्द पूरी करने का दबाव भी रहेगा। आवेदन के आंकड़े बताते हैं कि शहर के कुछ वार्डों में पट्टे की मांग काफी अधिक है। विवेकानंद वार्ड से सबसे ज्यादा 75 आवेदन सामने आए हैं। इसके बाद पटेल वार्ड से 72, अर्जुन वार्ड से 55, शास्त्री वार्ड से 49, दुर्गा और जवाहर वार्ड से 48-48, गांधी वार्ड से 41, लोहिया वार्ड से 40, भगत सिंह वार्ड से 35, आर्य वार्ड से 31, कृष्णपुरा वार्ड से 27, देशबंधु वार्ड से 26 और तिलक वार्ड से 22 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन क्षेत्रों में अधिकांश लोग वर्षों से मकान बनाकर निवास कर रहे हैं और लंबे समय से पट्टे की मांग कर रहे थे।
आजाद और विनोबा वार्ड से सिर्फ एक-एक आवेदन भर
वहीं दूसरी ओर शहर के आजाद और विनोबा वार्ड में महज 1-1 आवेदन ही मिले हैं। मालवीय वार्ड में 3, शिवाजी और जयप्रकाश वार्ड में 7-7, टैगोर वार्ड में 12, राजेंद्र और विकास वार्ड में 2-2 आवेदन दर्ज हुए हैं। नगरपालिका का यह भी कहना है कि सर्वे के बाद भी करीब 25 से 50 आवेदन और प्राप्त हुए हैं, जिन्हें सूचीबद्ध कर शामिल किया जाना बाकी है। हालांकि इनकी एंट्री अब तक नहीं हो सकी है। ऐसे में अंतिम आंकड़ा और बढऩा तय माना जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कड़ी जांच की प्रक्रिया में कितने आवेदन पात्र ठहरते हैं और कितने लोग एक बार फिर पट्टे के इंतजार में रह जाते हैं।
इनका कहना
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
19 Dec 2025 09:27 pm


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