Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

जिले में अवैध कॉलोनियों पर प्रशासनिक उदासीनता, निर्देशों के बाद भी वसूली और विकास कार्य ठप

बैतूल। जिले में अवैध कॉलोनियों में रहने वाले हजारों नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने के दावे एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और नगरीय निकायों की उदासीनता की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। वर्ष 2016 के बाद अस्तित्व में आई 300 अवैध कॉलोनियों में सडक़, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 […]

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
betul news

बैतूल। जिले में अवैध कॉलोनियों में रहने वाले हजारों नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने के दावे एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और नगरीय निकायों की उदासीनता की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। वर्ष 2016 के बाद अस्तित्व में आई 300 अवैध कॉलोनियों में सडक़, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 जुलाई को ले-आउट और प्राक्कलन का अंतिम प्रकाशन कराया गया था। इसके बाद समस्त नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों (सीएमओ) को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कॉलोनाइजरों से नियमानुसार राशि वसूल कर विकास कार्य प्रारंभ किए जाएं, लेकिन हकीकत यह है कि महीनों बीत जाने के बावजूद किसी भी निकाय ने वसूली की ठोस कार्रवाई शुरू नहीं की। कुल मिलाकर, बैतूल जिले में अवैध कॉलोनियों का मामला प्रशासनिक उदासीनता, कमजोर निगरानी और जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता का प्रतीक बनता जा रहा है। अगर शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती
प्रशासन ने मांगी भी निकायों से जानकारी
प्रशासन ने हाल ही में अवैध कॉलोनियों में उपलब्ध रिक्त भूमि की जानकारी कॉलोनाइजरों से वसूली के लिए मांगी थी और एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, किसी भी निकाय ने न तो जानकारी भेजी और न ही समयसीमा का पालन किया। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी किस दबाव या संरक्षण में चुप्पी साधे हुए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब वर्षों पुरानी अवैध कॉलोनियों की सुध नहीं ली गई, तो नई कॉलोनियों का भविष्य क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
निकायों के सीएमओ की बैठक लेने के बाद भी निष्क्रियता
गौरतलब है कि 5 दिसंबर को अपर कलेक्टर वंदना जाट ने समस्त सीएमओ की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जहां कॉलोनाइजर मौजूद हैं, वहां उनसे राशि वसूल की जाए और जहां कॉलोनाइजर उपलब्ध नहीं हैं, वहां कॉलोनीवासियों से गाइडलाइन दर पर राशि जमा कराई जाए, ताकि विकास कार्यों का रास्ता खुल सके। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल न होना प्रशासनिक इच्छाशक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
बैतूल शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक कॉलोनियां अवैध
जिले में सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां बैतूल शहरी क्षेत्र में बताई जा रही हैं, जहां कुल 118 कॉलोनियां मौजूद हैं। इनमें 2016 से पहले की 93 और उसके बाद की 25 कॉलोनियां शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि 93 पुरानी कॉलोनियों का ले-आउट और प्राक्कलन अंतिम रूप से प्रकाशित हो चुका है, फिर भी वहां आज तक विकास कार्य शुरू नहीं हो पाए। वहीं 25 नई कॉलोनियों का तो अब तक सर्वे तक नहीं कराया गया है। इसी तरह मुलताई विकासखंड में 2016 के पहले की 87 अवैध कॉलोनियां बताई जाती हैं, जबकि आमला में ऐसी 47 कॉलोनियां दर्ज हैं। शासन के निर्देशानुसार प्रशासन ने प्रक्रिया तो पूरी कर ली, लेकिन सुविधाएं अब भी कागजों तक सीमित हैं। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग खराब सडक़ों, पेयजल संकट और बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब 2016 के बाद भी अवैध कॉलोनियों का विस्तार धड़ल्ले से होता रहा। प्रशासन ने ऐसी 43 नई अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया है, जिनमें बैतूल शहरी क्षेत्र की 25, शाहपुर की 9, बैतूलबाजार की 4, भैंसदेही की 2 और आठनेर की 3 कॉलोनियां शामिल हैं। इनका सर्वे तक न होना यह दर्शाता है कि अवैध निर्माण पर प्रभावी नियंत्रण नहीं है।
इनका कहना

  • प्रशासनिक व्यवस्ताओं की वजह से हो सकता है कि टाइम नहीं मिला हो। प्रशासन ने अपनी तरफ से कॉलोनियों का अंतिम प्रकाशन तो करा दिया है। मैं जल्द ही समस्त निकायों के सीएमओ की बैठक लेकर इसकी समीक्षा करूंगा।
  • नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar