Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

जमीन के विवाद में उलझा बैतूल का आईएसबीटी सपना, प्रशासनिक तैयारी पर भारी न्यायालयीन पेच

बैतूल। बैतूल शहर में महानगरों की तर्ज पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बस स्टैंड बनाए जाने का सपना जमीनी विवाद की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। कर्बला स्थित खेड़ी रोड पर प्रस्तावित आईएसबीटी के लिए चिन्हित जमीन को लेकर उठे विवाद ने जिला प्रशासन की तमाम तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस […]

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
betul news

बैतूल। बैतूल शहर में महानगरों की तर्ज पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बस स्टैंड बनाए जाने का सपना जमीनी विवाद की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। कर्बला स्थित खेड़ी रोड पर प्रस्तावित आईएसबीटी के लिए चिन्हित जमीन को लेकर उठे विवाद ने जिला प्रशासन की तमाम तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस जमीन को प्रशासन ने आईएसबीटी निर्माण के लिए उपयुक्त मानते हुए आगे की प्रक्रिया शुरू की थी, उसी पर आसपास के किसानों ने अपना दावा जताते हुए कमिश्नर न्यायालय, नर्मदापुरम में आपत्ति दर्ज करा दी है। इस आपत्ति के बाद न सिर्फ जमीन आवंटन की प्रक्रिया रुक गई है, बल्कि शहर के विकास से जुड़ी एक अहम योजना अधर में लटक गई है।
सर्वे के बाद चिन्हित की थी जमीन
प्रशासनिक रिकॉर्ड के मुताबिक, बैतूल में आईएसबीटी बस स्टैंड के लिए पूर्व में सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में तीन से चार संभावित स्थान चिन्हित किए गए थे। बाद में कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण के पश्चात कर्बला स्थित खेड़ी रोड की जमीन को अंतिम रूप से चयनित किया गया। इसके बाद कलेक्टर न्यायालय से उक्त जमीन को नगरपालिका के नाम आवंटित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। हालांकि, जमीन का विधिवत हैंडओवर होने से पहले ही किसानों ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी, जिससे पूरी प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया।
किसानों की आपत्ति से योजना ठंडे बस्ते में
किसानों का आरोप है कि जिस जमीन को प्रशासन आईएसबीटी के लिए आवंटित कर रहा है, वह उनके लंबे समय से कब्जे में है और बिना सहमति इसे बस स्टैंड निर्माण के लिए लिया जा रहा है। दूसरी ओर प्रशासन का तर्क है कि यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में मंदिर के नाम दर्ज थी। बताया जाता है कि पूर्व में इस जमीन को मंदिर निर्माण और संचालन के लिए आवंटित किया गया था। मंदिर से जुड़े लोग ही वर्षों से इसका उपयोग कर रहे थे, लेकिन सर्वाकार (कानूनी स्वामित्व) से जुड़े रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के चलते कलेक्टर द्वारा यह आवंटन समाप्त कर जमीन को शासन के अधीन कर लिया गया। इसके बाद ही इसे आईएसबीटी निर्माण के लिए नगरपालिका को देने का निर्णय लिया गया।
कमिश्नर न्यायालय में चल रही जमीन की सुनवाई
यहीं से विवाद की जड़ गहरी होती चली गई। मामला अब कमिश्नर न्यायालय में है, जहां पिछले दो महीनों से सुनवाई चल रही है। यह न्यायालयीन प्रक्रिया कितनी लंबी चलेगी, इसका कोई स्पष्ट अनुमान नहीं है, लेकिन जब तक इस विवाद का अंतिम निराकरण नहीं हो जाता, तब तक आईएसबीटी निर्माण की उम्मीद बेहद धूमिल नजर आ रही है। गौरतलब है कि आईएसबीटी के लिए लगभग 9 एकड़ जमीन की आवश्यकता बताई गई है।
फायर स्टेंशन निर्माण का मामला भी अधर में लटका
जिला प्रशासन ने इसके लिए कुल 11 एकड़ जमीन आरक्षित कर रखी है। इसी में से करीब 2 एकड़ जमीन पर आधुनिक फायर स्टेशन का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह फायर स्टेशन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (एमपीयूडीसी) भोपाल द्वारा बनाया जाना है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 2 करोड़ रुपए है। एमपीयूडीसी द्वारा इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है और 17 दिसंबर को निविदा खोले जाने की तिथि तय है, लेकिन जमीन से जुड़े इस विवाद ने फायर स्टेशन परियोजना पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यदि जमीन का मामला समय रहते नहीं सुलझा, तो न सिर्फ आईएसबीटी बल्कि फायर स्टेशन जैसी जरूरी सुविधा भी कागजों तक सिमट कर रह जाएगी। यह स्थिति प्रशासनिक समन्वय, पूर्व नियोजन और जमीन चयन की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
इनका कहना

  • आईएसबीटी के लिए जिस जमीन का आवंटन नगरपालिका को करने की बात कहीं जा रही थी उस पर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई है और कमिश्नर न्यायालय नर्मदापुरम में याचिका दायर की हैं जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक काम शुरू नहीं हो सका है। फायर स्टेशन निर्माण भी इस जगह होना हैं जिसके लिए टेंडर लग चुके हैं। - नीरज धुर्वे, एई नगरपालिका बैतूल।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar