AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बैतूल। नगर पालिका की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। खाली होते सरकारी खजाने को भरने के लिए नगर पालिका अब वार्ड स्तर पर राजस्व वसूली शिविर लगाए जा रहे है। बीते दो दिनों से शुरू हुए इस अभियान के तहत शहर के चार वार्डों में शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनसे नगर पालिका को करीब ढाई लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। नगर पालिका का कहना है कि इस तरह के शिविर शहर के सभी 33 वार्डों में लगाए जाने हैं, जिसके निर्देश नगरीय प्रशासन द्वारा भी जारी कर दिए गए हैं।
नगर पालिका अधिकारियों के अनुसार इससे पहले लोक अदालत का आयोजन कर राजस्व वसूली का प्रयास किया गया था, जिसमें लगभग 56 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। हालांकि यह राशि तय लक्ष्य से काफी कम रही, जिसके चलते कर्मचारियों का वेतन भुगतान अब तक नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि नगर पालिका का वह सरकारी खजाना, जिससे कर्मचारियों को हर महीने वेतन दिया जाता है, शून्य बैलेंस की स्थिति में पहुंच गया था। बताया जा रहा है कि नगर पालिका को कर्मचारियों के वेतन पर हर माह डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ती है। ऐसे में नियमित रूप से इतनी बड़ी राशि जुटा पाना नगर पालिका के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। हालात तब और गंभीर हो गए जब नगरीय प्रशासन से मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में भी लगातार कमी आ रही है। इससे नगर पालिका की आय पर सीधा असर पड़ा है। आर्थिक दबाव के चलते अब नगर पालिका ने राजस्व वसूली में पूरी ताकत झोंक दी है। वार्डों में लगाए जा रहे शिविरों में कर, शुल्क और बकाया राशि की वसूली पर जोर दिया जा रहा है। नगर पालिका का उद्देश्य है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले अधिक से अधिक राजस्व जुटाकर सरकारी खजाने को फिर से भर दिया जाए, ताकि कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य जरूरी खर्चों का भुगतान किया जा सके। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या केवल शिविरों के सहारे इतनी बड़ी वित्तीय कमी पूरी हो पाएगी या नगर पालिका को आय के स्थायी स्रोतों को मजबूत करने के लिए ठोस रणनीति बनानी पड़ेगी। फिलहाल, कर्मचारियों की नजरें राजस्व वसूली अभियान की सफलता पर टिकी हुई हैं।
नगर परिषद आठनेर के कर्मचारियों पर एक महिला दुकानदार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपी है। पीडि़त महिला प्रतिभा साहू का आरोप है कि दुकान के अतिक्रमण को लेकर की गई 181 शिकायत हटवाने के लिए उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और परिवार को धमकियां दी गईं।शिकायत में बताया गया है कि पीडि़ता प्रतिभा पिछले 10-12 वर्षों से ठेला लगाकर अपना जीवनयापन कर रही है। पूर्व में नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उसने अपना ठेला हटा लिया था, लेकिन बाद में बिना किसी कार्रवाई के अन्य लोगों को पुन: ठेला लगाने की अनुमति दे दी गई। आरोप है कि उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति का पक्का ठेला लगवा दिया गया, जिससे वह बेरोजगार हो गई। पीडि़ता के अनुसार 10 दिसंबर 2025 को उसने इस संबंध में 181 पर शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 12 दिसंबर को नगर परिषद कर्मचारियों द्वारा उसके घर और दुकान के पास आकर शिकायत हटाने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि महिला और उसके परिजनों से अभद्रता की गई और काम-धंधा बंद कराने की धमकी दी गई।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
18 Dec 2025 09:07 pm


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