AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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भिवाड़ी. राजस्थान पत्रिका की ओर से सोमवार को नशा मुक्ति संग्राम के तहत टॉक शो किया गया। टॉक शो सदर बाजार स्थित गोपीनाथ अस्पताल के कांफ्रेंस हॉल में किया गया। नशा मुक्ति संग्राम विषय पर आयोजित टॉक शो में समाजसेवी, शिक्षक, सामाजिक संगठन और व्यापारी वर्ग शामिल हुआ। सभी ने नशे के दुष्प्रभाव, युवा पीढ़ी को नशे की लत और उससे होने वाले नुकसान पर अपनी राय रखी। इस मौके पर सभी ने कहा कि हमें स्वयं को और अपने आसपास के माहौल को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। नशे की लत वाले लोग बच्चे और पत्नी के साथ भी गंभीर रूप से मारपीट करते हैं। लोग सोचते हैं कि मेरे बच्चे नशा नहीं करते, दूसरे के करते हैं। जैसे बीमारी गरीब अमीर नहीं देखती वैसे ही नशा कुछ नहीं देखता। बच्चों पर हमें निगरानी चाहिए। उनके साथ शाम का भोजन करते समय उन्हें समाज की बुराईयों के बारे में बताना चाहिए। बड़े शहरों में आसानी से नशा मिल रहा है। बच्चे रात को 11 बजे घर से निकलते हैं और सुबह चार बजे तक नशा कर घूमते हैं। नशे के बढ़ते चलन के लिए एकल परिवारों को भी जिम्मेदार माना, जिसमें माता-पिता के पास बच्चों से घुलने मिलने का समय नहीं है। बच्चे बाहर रहने पर जैसा माहौल मिलता है, उसी में रच बस जाते हैं। वक्ताओं ने कहा कि सप्ताह में एक दिन झुग्गी और कच्ची बस्ती में जाकर नशे के दुष्परिणाम आमजन को बताने होंगे। नशा आज सबसे बड़ी बुराई बन चुका है। हम सभी को मिलकर नशा करने वालों को समझाना चाहिए। नशा आजकल दुकानों पर खुलेआम बिक रहा है। नशे की दुकानों को सजाया जा रहा है, यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
16 Dec 2025 07:04 pm


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