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खानपुर जोहड़ में बारिश के साथ जाएगा सोसायटी का दूषित पानीग्रामीणों के विरोध की वजह से रुका पाइपलाइन बिछाने का काम

समझायश का चल रहा प्रयास, जलभराव दूर करने में फिर बाधा

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भिवाड़ी. बायपास पर जलभराव दूर करने के लिए खानपुर जोहड़ में बारिश का पानी ले जाने की योजना बनाई गई थी। ग्रामीणों के विरोध के चलते फिलहाल योजना पर ब्रेक लगते दिख रहे हैं। बीडा अधिकारी समझायश के प्रयास कर रहे हैं, अगर ग्रामीण सहमत होंगे तभी पानी के पानी को जोहड़ में ले जा सकेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के पानी के साथ बायपास की कुछ सोसायटी का भी पानी आता है जो कि दूषित होता है, जोहड़ में ग्रामीण पूजा करते हैं, उनकी आस्था खराब होगी। बीडा ने बायपास सडक़ से जोहड़ तक बारिश का पानी ले जाने के लिए पाइपलाइन बिछाने टेंडर किया था, टेंडर के तहत फिलहाल कोई काम नहीं हो रहा है। वहीं जोहड़ का सौंदर्यीकरण सीएसआर के तहत कराया जाना प्रस्तावित है। बायपास पर जलभराव का बड़ा कारण खिजूरीबास टोल की तरफ से आने वाला बारिश का पानी है। अब इस पानी को रास्ते में रोकने की तैयारी की जा रही है। बारिश के पानी को खानपुर चौक से खानपुर गांव के जोहड़ में पाइपलाइन के जरिए पहुंचाने की योजना थी। जिससे कि खिजूरीबास टोल से खानपुर तक आने वाले बारिश के पानी को धारूहेड़ा तिराहे पर पहुंचने से रोका जा सके। खानपुर स्थित जोहड़ का सौंदर्यीकरण भी कराने की योजना है। सीएसआर के तहत करीब 50 लाख रुपए से जोहड़ की पाल सहित अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे। जिससे एक तरफ जोहड़ का सौंदर्य निखरेगा, दूसरी तरह बारिश बारिश का पानी जोहड़ में जाने से भूजल का स्तर बढ़ेगा। बीते कई वर्ष से जोहड़ सूखा पड़ा है। पूर्व में यह जोहड़ बारिश के पानी से लबालब भर जाता था। धारूहेड़ा तिराहे से खिजूरीबास टोल तक सडक़ चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण पर बीडा ने 42 करोड़ रुपए खर्च किए। इससे बायपास का नजारा तो बदल गया लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट में जल निस्तारण के लिए योजना नहीं बनाई। खिजूरीबास टोल से धारूहेड़ा तक 4.15 किमी की दूरी है। इस दूरी में 12 मीटर का ढ़लान धारूहेड़ा तिराहे की तरफ है। पहले इस रोड पर नालियां नहीं थी। चार लेन सडक़ के दोनों तरफ कच्चा था। अब छह लेन सडक़, फुटपाथ, वॉक वे बनने से पक्का निर्माण बढ़ गया। दोनों तरफ नालियां हैं। नालियों का पानी धारूहेड़ा की तरफ ही जाता है। बारिश में बूंद भी टपकने पर नालियों से एकत्रित होकर धारूहेड़ा तिराहा और भगत ङ्क्षसह कॉलोनी में पहुंचती है। एक घंटे की बारिश में ही करीब पांच एमएलडी पानी एकत्रित हो जाता है। बीते दिनों मानसून की मेहरबानी खूब हुई है। तीन दिन रात तक बारिश हुई है, ऐसी स्थिति में खिजूरीबास टोल की तरफ से ही 40 से 50 एमएलडी पानी धारूहेड़ा तिराहा और भगत ङ्क्षसह कॉलोनी में पहुंचा। शहर में जलभराव का उचित इंतजाम नहीं होने से बीडा की सडक़ चौड़ीकरण एवं नाली निर्माण की योजना फिलहाल जलभराव को बढ़ावा दे रही हैं। सडक़ एवं नालियों के साथ ही बायपास की सोसायटी भी मुख्य मार्ग पर पानी छोड़ देती हैं। यह मामला भी कई बार बीडा एवं प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है, इसके बावजूद उक्त सोसायटी पर कोई सख्ती नहीं बरती गई है। विभाग एक दूसरे को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए निर्देशित कर रहे हैं। कई सोसायटी के अंदर से पानी छोडऩे की लाइन नालों तक बिछाई गई हैं लेकिन जिम्मेदार इनको पकडऩे से बचते रहते हैं।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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