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बिहार में सरकार बनाने वाली 52 सीटों पर मतदाताओं को साधेंगे ‘एमपी के मोहन’

मप्र व बिहार भाजपा इकाई के कुछ प्रमुखों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. यादव को इन सीटों पर न्यूनतम एक से चार बार तक उतारा जाएगा, जहां वे सभाओं से बिहारी मतदाताओं से संवाद करेंगे।

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cm mohan yadav
mega solar project worth Rs 8000 crore will be launched in ujjain CM Mohan Yadav (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)

हरिचरण यादव

बिहार चुनाव ने एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव की व्यस्तता बढ़ा दी है। वे शुक्रवार से अगले 15 दिनों तक बिहार आते-जाते रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा और एनडीए ने तय किया है कि उन्हें 52 से अधिक सीटों पर उतारा जाए। ये सीटें यादव और ओबीसी बाहुल्य हैं। हमेशा से माना जाता रहा है कि ये सीटें बिहार में किसी भी दल की सरकार बनाने और बिगाड़ने में अहम रोल अदा करती हैं।

मध्यप्रदेश व बिहार भाजपा इकाई के कुछ प्रमुखों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. यादव को इन सीटों पर न्यूनतम एक से चार बार तक उतारा जाएगा, जहां वे सभाओं से बिहारी मतदाताओं से संवाद करेंगे। रैलियां भी होंगी, जिनमें वाहन पर सवार होने के साथ-साथ प्रत्याशियों के साथ पैदल भी चलेंगे। नुक्कड़ सभाओं में हिस्सा लेंगे और सामाजिक समरसता सम्मेलनों के जरिए द्विपक्षीय संवाद भी करेंगे। शुक्रवार को चंपारण की बगाहा, सिगटा, सहरसा सीटों पर उतरेंगे। मुख्यमंत्री ने दिवाली से पहले भी दो दिन बिहार में चार सीटों पर सभाएं की थीं।

मुख्यमंत्री को इसलिए ज्यादा सीटों पर उतारने की तैयारी

बिहार में जातीय समीकरण हावी रहा है। यही वजह है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन व अन्य ने सीट बंटवारे में जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है। जातीय समीकरण में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग का बड़ा वोट बैंक है। बिहार में यादव मतदाता अहम स्थान रखते हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं यादव समाज से आते हैं। इसलिए भाजपा उन्हें यादव बाहुल सीटों पर बड़े चेहरे के रूप में उतारना चाहती है। चुनावी जानकारों की मानें तो भाजपा बताना चाहती है कि वे उनको तवज्जो देते हैं और उदाहरण मध्यप्रदेश में यादव मुख्यमंत्री का होना है।

शिवराज और सिंधिया भी मैदान में, वीडी संभालेंगे बूथ मैनेजमेंट

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) को भी बिहार फतह की जिम्मेदारी मिली है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक चौहान भी शुक्रवार को बिहार जाएंगे। देश भर में उनकी पहचान मतदाताओं से घुलने-मिलने की रही है, वह मामा के रूप में बड़ी पहचान बना चुके हैं। उन्हें ऐसी सीटों व क्षेत्रों में उतारे जाने की तैयारी है, जहां जनता को जनता से घुलने-मिलने वाले जनप्रतिनिधि की जरुरत होगी।

वहीं मप्र में विधानसभा और लोकसभा में सर्वाधिक जीत का रेकॉर्ड बना चुके प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद वीडी शर्मा को पटना जोन में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। वह एमपी की तर्ज पर बिहार में भी बूथ मैनेजमेंट करने में जुट चुके हैं। उन्हें पटना जोन की 8 लोकसभा और 42 विधानसभा का जिम्मा मिला है। वे बूथ मैनेजमेंट पर फोकस हैं।

व्यापारियों के बीच रहेंगे खंडेलवाल

चुनाव प्रबंधन में आगे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को पार्टी ने शहरी क्षेत्रों की विधानसभा सीटों में भेजने का निर्णय लिया है, जहां वे व्यापारियां, उद्योगपतियों के बीच जाकर संवाद करेंगे। उनकी बातों को सुनेंगे और भाजपा व एनडीए की रीति-नीति से उन्हें अवगत कराएंगे।

एमपी के 1200 नेता-कार्यकर्ता बिहार में

बिहार में इनके अलावा मध्यप्रदेश के 1200 से अधिक नेता व कार्यकर्ता बिहार में है। इनमें से कुछ की तैनाती एक महीने पहले हो चुकी है। कुछ 15 दिनों से है। ये जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर को भी मैदान में उतारा जाना है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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