AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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2004 के लोकसभा चुनाव में जब धर्मेंद्र पहली बार भाजपा प्रत्याशी बनकर बीकानेर पहुंचे, तो शहर में उत्साह चरम पर था। नत्थूसर गेट के बाहर बड़ा गणेशजी मंदिर में दर्शन के साथ उनका रोड शो शुरू हुआ। भीड़ इतनी कि कुछ सौ मीटर का रास्ता तय करने में पौन घंटा लग गया। छतों, गलियों और चौकों पर सिर्फ एक आवाज...धर्मेंद्र आ गए।
लक्ष्मीनाथ मंदिर जाते हुए अचानक ठहर गए
गणेशजी मंदिर से निकले, तो काफिला लक्ष्मीनाथ मंदिर की ओर बढ़ा। रास्ते में सुथारों की बड़ी गुवाड़ में मौजूद जननायक मुरलीधर व्यास की प्रतिमा देखकर धर्मेंद्र वहीं रुक गए। एक कार्यकर्ता की माला ली और प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। गुवाड़ तालियों से गूंज उठी। व्यास की प्रतिमा के आगे रुकने पर आसपास की छतें कुछ ही मिनटों में भर गईं। धर्मेंद्र बार-बार हाथ जोड़कर लोगों का अभिनंदन करते रहे। अभिनेता नहीं, वो उस पल बीकानेर के अपने नेता लग रहे थे।
दिलचस्प वाकयाः टोपी वापस पहनाई गई
माल्यार्पण के दौरान धर्मेंद्र ने अपनी टोपी पास खड़े जगमोहन आचार्य और जगदीप बिस्सा को दे दी। जैसे ही वे आगे बढ़े, सुरक्षाकर्मी ने वह टोपी वापस लेकर धर्मेंद्र को पहनाई। भीड़ मुस्कुरा उठी। धर्मेंद्र अब नहीं हैं, पर 2004 का वह रोड शो आज भी बीकानेर को याद है। एक फिल्म स्टार का नहीं, लोगों के दिल में बसने वाले एक उम्मीदवार के आगमन के रूप में।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
25 Nov 2025 10:33 am
Published on:
25 Nov 2025 01:04 am


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