AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बीकानेर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की ओर से जनवरी माह में आयोजित की जाने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस बार किसी भी निजी स्कूल के शिक्षक को प्रायोगिक परीक्षा का वीक्षक नहीं बनाया जाएगा। साथ ही परीक्षा केंद्रों पर वीक्षकों की किसी भी प्रकार की खातिरदारी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
निर्देशों के अनुसार, प्रायोगिक परीक्षा के दौरान वीक्षक को किसी भी प्रकार का प्रलोभन, उपहार या सुविधा देना अनियमितता अथवा नियम विरुद्ध आचरण की श्रेणी में आएगा। ऐसी किसी भी शिकायत को बोर्ड प्रशासन के समक्ष दर्ज कराया जा सकेगा।
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए वीक्षकों की नियुक्ति केवल सरकारी स्कूलों से ही की जाएगी। इस संबंध में शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रायोगिक परीक्षाओं की सख्त निगरानी के लिए उड़न दस्ते गठित किए जाएं। इसके साथ ही वीक्षकों के स्वागत व मेहमाननवाजी की परंपरा पर रोक लगाई जाए। आकस्मिक निरीक्षण के लिए नियुक्त अधिकारियों, कार्मिकों और वीक्षकों की जानकारी गोपनीय रखी जाए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
25 Dec 2025 02:56 pm


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