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CG News: छत्तीसगढ़ के अपोलो अस्पताल में बड़ी लापरवाही, गर्भ में ही बच्चे की मौत

CG News: गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने डॉक्टर रश्मि शर्मा और अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

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CG News: छत्तीसगढ़ के अपोलो अस्पताल में बड़ी लापरवाही, गर्भ में ही बच्चे की मौत
बिलासपुर अपोलो अस्पताल (Photo Patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित अपोलो अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ एक गर्भवती महिला के गर्भ में ही बच्चे की मौत से जुड़ा हुआ है, जिसने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पूरा मामला बिलासपुर के चाटीडीह स्थित अपोलो अस्पताल का है। यहां इलाज के लिए भर्ती एक गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने डॉक्टर रश्मि शर्मा और अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। पीड़ित परिजन पवन नालोटिया ने बताया कि वे विनोबा नगर के निवासी हैं। उनकी बहू पीहू अग्रवाल 37 सप्ताह की गर्भवती थीं और गर्भावस्था की शुरुआत से ही उनका इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा था। परिजनों के मुताबिक सोमवार की रात जब पीहू अग्रवाल को तेज दर्द हुआ तो उन्हें तुरंत अपोलो अस्पताल लाया गया और लेबर रूम में भर्ती किया गया।

लापरवाही के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जल्द छुट्टी देने की बात कही। इसी लापरवाही के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने डॉक्टर रश्मि शर्मा को कहा कि बच्चे की कोई हरकत या हार्टबीट महसूस नहीं हो रही है, तब जाकर स्कैन कराया गया। स्कैन रिपोर्ट में बच्चे की मौत की पुष्टि हुई।परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद डॉक्टरों ने प्लेसेंटा, जिसे परिजन जांच के लिए सुरक्षित रखना चाहते थे, उसे बिना बताए फेंक दिया।

परिजनों का कहना है कि यदि प्लेसेंटा उन्हें दिया जाता, तो वे जांच के जरिए यह पता कर सकते थे कि बच्चे की मौत किन कारणों से हुई। लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए यह कदम उठाया। परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने अपोलो अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की, तो डेढ़ घंटे तक केवल आश्वासन दिया गया। खबर बनाए जाने तक अस्पताल प्रबंधन ने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा।

पीड़ित परिवार ने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जांच टीम गठित करने की मांग की है। साथ ही डॉक्टर रश्मि शर्मा और अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। परिजनों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे।अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार अपोलो जैसे बड़े अस्पताल पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर फर्जी डॉक्टर और आयुष्मान कार्ड विवादों की तरह यह मामला भी दबा दिया जाएगा। पूरे शहर की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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