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बढ़ रही दूध की खपत और मांग, मगर सड़क से नहीं हट रहे पशु

राज्य राज्य की योजनाएं भी नहीं आ रही काम, भारी-भरकम बजट वाले विभाग में पैसों का टोटा  

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बढ़ रही दूध की खपत और मांग, मगर सड़क से नहीं हट रहे पशु
बढ़ रही दूध की खपत और मांग, मगर सड़क से नहीं हट रहे पशु

बरुण सखाजी. राजनीतिक विश्लेषक व संपादक, बिलासपुर

राज्यभर में दूध की खपत 3 करोड़ की आबादी वाले राज्यों में सबसे ज्यादा है। सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि दूध से बने उत्पादों की खपत के मामले में भी छत्तीसगढ़ आगे है। बावजूद इसके प्रदेश में दुधारू पशुओं की हालत खराब है। सड़कों पर बैठी गाएं एक तरफ जहां दुर्घटना का कारण बन रही हैं तो वहीं ये किसानों के लिए भी परेशानी का कारण बनी हुई हैं।

97 लाख पशुओं में 32 लाख दुधारू

पशु पालन विभाग के मुताबिक राज्य में 97 लाख देसी गौवंश है, जिनमें साढ़े 31 लाख दुधारू हैं। इनकी संख्या में प्रतिवर्ष दशमलव 2 फीसद से वृद्धि हो रही है, लेकिन पशुओं में सड़क पर सबसे ज्यादा गौवंश ही नजर आता है।

राज्य में इतनी योजनाएं मगर सड़क से नहीं हट रहा गौवंश

राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना में नरवा, घुरवा, गरुआ, बाड़ी मिलाकर करीब एक दर्जन से अधिक योजनाएं पशुओं के संरक्षण के लिए संचालित हैं। लेकिन इनमें से नरवा, घुरवा, गरुआ, बाड़ी के ही नतीजे सामने दिखाई देते हैं, बाकी किसी के नहीं। टीकाकरण, पशुधन वृद्धि, फ्रोजन सीमन पशुधन विकास आदि के जरिए गौपालकों के लिए उन्नत नस्ल की गायों का प्रजनन कराने संबंधी अनेक योजनाएं हैं।

शोध कहता है दूध की खपत बढ़ेगी

डेयरी फेडरेशन से जुड़े अनमोल सिंह बताते हैं, आने वाले दिनों में दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। साल 2000 में देश में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादक हुए थे, तब से भारत दुनिया में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया है। शाकाहारी होने की वजह से दुग्ध प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है। इसलिए दूध की मांग दिन ब दिन बढऩी ही है।

प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से अधिक दुग्ध ब्रांड

सड़कों पर बैठी गायों के बावजूद प्रदेश में डेढ़ दर्जन से अधिक दुग्ध ब्रांड हैं। राज्य पोषित देवभोग के अलावा अमूल जैसे ब्रांड तो हैं ही साथ ही 15-20 ऐसे ब्रांड भी हैं जिनका राज्य में बड़ा नेटवर्क है। भैंस के दूध और घी के नाम पर नकली दूध-घी की खपत भी बढ़ी है।

फैक्ट शीट

प्रदेश में कुल पालन योग्य जानवर- 1 करोड़ 87 लाख
गौवंश की संख्या- 97 लाख
भैंसों की संख्या- 36 लाख
दुधारू गायें- 31.5 लाख
दुधारू भैंसें- 12 लाख

वर्जन

राज्य में दुधारुओं की नस्ल सुधार समेत अनेक कदम उठाए गए हैं। गणना, इयर टैगिंग आदि के जरिए डेटाबेस बनाया गया है। किसानों को भी पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
- डॉ. एके सैनी, प्रभारी पशु संवर्धन संबंधी, योजना

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लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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