AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

बिलासपुर.
पेमेंट गेटवेज का चलन इसमें मिल रही क्रेडिट ने भी बढ़ाया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक शहरी लेन-देन के अलावा पेमेंट गेटवेज का विस्तार गांवों तक हो गया है। अब लोग अपने खेत से जुड़ी मजदूरी जैसे भुगतान भी इन माध्यमों से करने लगे हैं। एक निजी पेमेंट गेटवे के स्थानीय अधिकारी के मुताबिक अब हमारा फोकस ग्रामीण एरिया की तरफ है। नगरीय क्षेत्र में स्पर्धा है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इनका विस्तार जारी है। आमतौर पर जो पहले जहां पहुंच जाए वो वहां लीड करता है। पेटीएम ने इस मामले में इसीलिए बाजी मारी थी।
30 दिन की क्रेडिट से भी बढ़ा चलन
अब एप के जरिए आसान भुगतान में 30 तक की क्रेडिट की भी शुरुआत हो चुकी है। एनबीएफसी कंपनियों के साथ मिलकर यह सुविधा बिना ब्याज के दी जा रही है। इसके बदले में भुगतान की गई राशि का 1 फीसद व जीएसटी प्रक्रिया शुल्क के रूप में लिया जाता है। इस लिहाज से यह भुगतान बिना ब्याजा का तो कहलाता है, लेकिन इसमें लगभग सवा फीसद ब्याज ग्राहक को भुगतना पड़ता है। लेकिन यह सुविधा क्रेडिट कार्ड जिनके पास नहीं हैं उनके लिए ठीक है। चूंकि इसमें ग्राहक की सिबिल के मुताबिक धनराशि की केर्डिट दी जाती है। इसका सायकल 1 तारीख से महीने की अंतिम तारीख होता है। 7 तारीख को भुगतान करना होता है। लेट होने की स्थिति में आंशिक पैनाल्टी ली जाती है।
वॉलेट भी दे रहे मदद
इन गेटवेज के कैश वॉलेट भी इसमें मददगार हैं। इससे ग्राहक के वॉलेट में वह जितना खर्चना चाहता है उतना डाल सकता है। इससे सीधे खाते से पैसा नहीं जाता। इसका फायदा ये होता है कि खाता खाली नहीं हो पाता।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?

लव सोनकर
लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...
Published on:
26 Nov 2021 05:59 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।