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कोरोना के बाद बढ़ी अगरबत्तियों व पूजा सामग्री की खपत, लोग जुड़ रहे धार्मिक कार्यक्रमों से

सबसे ज्यादा बिकती हैं अगरबत्ती, कोरोना के बाद लोगों ने बदली धारणा, उन्मुख हो रहे पूजा, कर्म, विधान, हवन की ओर

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Pooja Saman Bazar
कोरोना के बाद बढ़ी अगरबत्तियों व पूजा सामग्री की खपत, लोग जुड़े रहे धार्मिक कार्यक्रमों से

बरुण सखाजी. बिलासपुर

देश में पूजा आइटम्स का बाजार लगभग 10 हजार करोड़ का है। नील्सन डेटा के मुताबिक साल 2016 से 2021 के बीच देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले पूजा आइटम्स में अगरबत्तियां शुमार हैं। वहीं निर्यात में पूजा आइटम्स में भारी वृद्धि देखी जा रही है। एक्सपोर्टर एजेंसियों के मुताबिक पूजा आइटम्स मंगवाने वाले बड़े देशों में अमेरिका सबसे ऊपर है। वहीं 10 हजार करोड़ पूजा आइटम मार्केट में 4 हजार करोड़ का शेयर सिर्फ अगरबत्तियों का है। भारत की सबसे बड़ी अगरबत्ती निर्माता कंपनी साइकल है, जिसके पास 25 फीसद मार्केट शेयर है। मिंट की साल 2020 की पोस्ट कोविड रिपोर्ट के मुताबिक पूजा करवाने वाले पंडित भी नई और बढ़ी हुई दक्षिणा के साथ पूजा-पाठ में आए हैं।

पूजा आइटम के खुल रहे एक्सक्लूसिव स्टोर्स

पूजा आइटम्स की बिक्री अब घरों से लेकर दफ्तरों तक कराए जाने वाले पूजा-विधान और इनकी विधिवत करवाने की परंपराओं से बढ़ रही है। अब सामान्य कथा, पूजा भी लोग पूरी विधि से करवाते हैं। इसमें बहुत अधिक तरह का सामान लगता है। आमतौर पर किराना सामग्री की दुकान पर यह सामान मिल जाता था, लेकिन विधि-विधान से हो तो इसके लिए एक्सक्लूसिव स्टोर्स की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए कई शहरों में ऐसे स्टोर्स खुल रहे हैं, जहां पूजा करवाने वाले पंडित से लेकर पूरी सामग्री व विधि का साहित्य उपलब्ध होता है।

सांस्कृतिक गौरववाद ने बढ़ाई पांरपरिक आस्था व पद्धतियां

कोरोना से पहले से ही पूजा के आइटम्स का बाजार ग्रोथ पर था, लेकिन कोरोना ने इसे पंख लगा दिए। लॉकडाउन में चौपट हुई सेल्स फिर एकदम से चढ़ी। इसे एक तरफ जहां भय से उपजी बाजार की मांग बताया जा रहा है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी धार्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक गौरववाद का असर भी माना जा रहा है। समाजशास्त्री उमाशरण कहते हैं इसके पीछे लोगों की अपने-अपने धर्मों के प्रति बढ़ी जागरूकता है। इसे सिर्फ भय का बाजार नहीं कहा जाना चाहिए। वहीं अर्थशास्त्री हनुमंत सिंह इसे सामान्य गति से बढ़ने वाले बाजार की तरह देखते हैं।

सहायक पूजा आइटम्स भी खूब बिक रहे

सहायक पूजा आइटम्स में शंख जैसे प्रतीक चिन्ह, चित्र, कथा पुस्तकें, धार्मिक प्रतीक व अन्य चीजें आती हैं। इनकी मांग भी कोरोना के बाद से बहुत अधिक बढ़ रही है।

एक्सपोर्ट में भारत नंबर-1

पूजा सामग्री को निर्यात करने में भारत नंबर-1 पर है। भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका के पोर्ट लुइस को माल जाता है। दूसरे नंबर पर पोर्ट केलॉन्ग, तीसरे नंबर पर न्यूयॉर्क है और चौथे नंबर टोरंटो और पांचवे नंबर स्पैन है। इन देशों में भारत में बने पूजा आइटम्स की सबसे ज्यादा मांग रहती है। भारत के परपटगंज पोर्ट से लगभग 65 फीसद पूजा आइटम्स लोड होते हैं। जबकि न्हाशेवा, चेन्नई, तुगलकाबाद से भी बड़ी मात्रा में माल बाहर भेजा जाता है। विदेशों में आयात करने वाली 2115 कंपनियां पंजीकृत हैं, जबकि भेजने वाली 1352 कंपनियां हैं।

वर्जन

अगरबत्ती का बाजार पूजा सामग्री के बाजार की रीढ़ है। सहायक सामग्री में भी अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है। इसके अलावा एक्सक्लूसिव पहनावे, प्रतीक धारण करने वाले आइटम्स की भी अच्छी मांग है।
- अथर्व वैद्य, अथर्व पूजा सामग्री स्टोर

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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