AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Mittal Furniture factory fire: बिलासपुर के सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र स्थित सेक्टर-डी में मंगलवार को मित्तल फर्नीचर फैक्ट्री में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया, जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। इस दौरान फैक्ट्री का एक कर्मचारी इसकी चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस गए, जिन्हे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, एक मजदूर के अंदर ही फंसे होने की आंशका जताई जा रही है। उसकी तलाश जारी है।
बताया जा रहा कि, फैक्ट्री परिसर में रखे तारपीन तेल के टैंकर में अचानक आग भड़क उठी, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। आग इतनी भयावह थी कि चारों ओर काले धुएं का गुबार फैल गया और लपटें दूर-दूर तक दिखाई देने लगीं। धमाकों की आवाज से आसपास की फैक्ट्रियों में काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। आशंका जताई जा रही कि शार्ट सर्किट की वजह से यह हादसा हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हादसे में फैक्ट्री में काम कर रहा आयुष सूर्यवंशी गंभीर रूप से झुलस गया। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं आग लगने के समय फैक्ट्री के अंदर मौजूद अभिजीत सूर्यवंशी के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन और पुलिस टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है। देर शाम तक उसके विषय में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार दोपहर फैक्ट्री के भीतर बने तारपीन तेल के टैंकर से पहले धुआं उठता दिखाई दिया। कुछ ही पलों में टैंकर आग की चपेट में आ गया और तेज लपटें उठने लगीं। आग इतनी तेजी से फैली कि फैक्ट्री में रखा तैयार फर्नीचर, लकड़ी, प्लाई, पॉलिश सामग्री, मशीनें और अन्य कीमती सामान जलकर राख हो गया।
आग इतनी भयानक थी कि कई किलोमीटर की दूरी से उसका धुआं देखा जा सकता था। कुछ ही पलों बाद तेज लपटें उठने लगीं। आग के दौरान कई बार जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई दी, जिससे पूरे औद्योगिक क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।
आग के दौरान फैक्ट्री परिसर से कई बार जोरदार धमाकों की आवाज आई। इससे इलाके में दहशत फैल गई। आसपास की फैक्ट्रियों के कर्मचारी जान बचाकर बाहर निकल आए। पुलिस ने तुरंत पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी और एहतियातन आसपास की औद्योगिक इकाइयों को खाली कराया गया।
आग बुझाने के दौरान उस वक्त स्थिति और बिगड़ गई, जब टैंकर में दोबारा ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट के समय मौके पर मौजूद दमकलकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी और बचाव दल के सदस्य बाल-बाल बच गए। कुछ लोगों को हल्की चोटें आने की भी जानकारी सामने आई है। कुछ देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी।
Mittal Furniture factory fire: तारपीन और केमिकल में लगी आग को पानी से बुझाना संभव नहीं होने के कारण एनटीपीसी से चार फोम बेस्ड फायर ब्रिगेड वाहन मंगाए गए। दमकल की कई गाड़ियों द्वारा लगातार फोम और पानी का छिड़काव कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। देर रात तक राहत और बचाव कार्य जारी रहा।
इस बड़े हादसे ने एक बार फिर शहर की फायर ब्रिगेड व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। औद्योगिक और रिहायशी रूप से तेजी से बढ़ रहे बिलासपुर जैसे बड़े जिले में फोम बेस्ड दमकल वाहनों की स्थायी व्यवस्था नहीं होना चिंता का विषय है। यदि समय पर एनटीपीसी की फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचती, तो हालात और भयावह हो सकते थे।
फिलहाल आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या ज्वलनशील सामग्री के संपर्क में आने से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आग पूरी तरह बुझने और राहत कार्य समाप्त होने के बाद ही नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
24 Dec 2025 08:16 am
Published on:
24 Dec 2025 08:15 am


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