AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Ranbir Kapoor and Rishi Kapoor: 'हीरो', 'राम लखन', 'खलनायक', 'परदेस', और 'ताल' जैसी सुपर-डुपर हिट फिल्में देने वाले बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक सुभाष घई ने हाल ही में एक इंटरव्यू में रणबीर कपूर और ऋषि कपूर के रिश्ते से जुड़े कई किस्से शेयर किये हैं। डायरेक्टर ने कहा कि पिता-पुत्र दोनों के नेचर में काफी अलग-अलग था। दोनों के विचारों में भी असमानता थी, जिसके चलते रणबीर और ऋषि कपूर के बीच अक्सर बहस हो जाती थी। लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि दोनों एक-दूसरे को प्यार नहीं करते थे, बल्कि वो आपस में जितना झगड़ते थे उतना ही प्यार भी करते थे।
सुभाष घई ने अपने इंटरव्यू में बताया, 'ऋषि कपूर और रणबीर कपूर दो बिल्कुल अलग-अलग पर्सनैलिटी वाले लोग हैं। अमूमन जैसे हर बाप-बेटे के बीच बातों-विचारों को लेकर टकराव होता है वैसे ही उन दोनों के बीच भी टकराव होता था। जैसे ऋषि को अक्सर लगता रहता था कि रणबीर का झुकाव इंग्लिश सिनेमा की ओर बहुत ज्यादा सिनेमा हो रहा है, जबकि वो चाहते थे कि उनका बेटा हिंदी सिनेमा को ज्यादा इम्पोर्टेंस दे। इसके साथ ही सुभाष घई ने बताया कि जब रणबीर न्यूयॉर्क से फिल्ममेकिंग सीख कर इंडिया वापस आये थे तब अकसर इसी बात पर दोनों का झगड़ा हो जाता।
सुभाष घई ने कहा, 'ऋषि कई बार मुझसे कहते थे कि रणबीर उनकी बात नहीं सुनता है। रणबीर की आदत ऐसी थी कि वो कभी अपने पापा से डायरेक्ट कभी कुछ नहीं बोलता था। मगर बाद में नीतू जी से शिकायत करता था कि पापा उसे अपने फैसले खुद क्यों नहीं लेने देते हैं, बस अपनी मर्जी थोपते रहते हैं।'
इसके आगे भावुक होते हुए सुभाष घई ने कहा कि रणबीर आज जिन ऊंचाइयों पर पहुंच चुके हैं, काश! बेटे की इस सफलता को देखने के लिए उसके पिता ऋषि कपूर जिन्दा होते, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता।

'रणबीर आज सिर्फ एक सुपरस्टार ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने खुद को साबित किया है। कभी-कभी सोचता हूं, काश ऋषि ज़िंदा होते तो उनसे कहता, ‘देखो, तुम्हारा बेटा कहां से कहां पहुंच गया है।' इसके साथ ही सुभाष घई ने ये भी बोला कि रणबीर में आज भी वही सादगी और संस्कार हैं जो उनके पिता ने उन्हें सिखाए थे।ऋषि कपूर और सुभाष घई की फोटोज। (फोटो सोर्स: IMDb)'रणबीर आज सिर्फ एक सुपरस्टार ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने खुद को साबित किया है। कभी-कभी सोचता हूं, काश ऋषि ज़िंदा होते तो उनसे कहता, ‘देखो, तुम्हारा बेटा कहां से कहां पहुंच गया है।' इसके साथ ही सुभाष घई ने ये भी बोला कि रणबीर में आज भी वही सादगी और संस्कार हैं जो उनके पिता ने उन्हें सिखाए थे।
'रणबीर हमेशा बड़ों के पैर छूते हैं, बहुत विनम्र और सरल स्वाभाव के हैं। आज के नए स्टार्स और एक्टर्स की तुलना में रणबीर में किसी भी तरह का कोई घमंड नहीं है। और आलिया भट्ट से शादी करने के बाद से वो और भी मैच्योर हो गए हैं।'
बता दें कि दिवाली के मौके पर आलिया भट्ट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पति रणबीर और बेटी राहा के साथ फोटोज शेयर की हैं।
आखिर में डायरेक्टर ने कहा, 'जिस तरह किसी भी बेटे का पिता यही चाहता है कि उसका बेटा बेटे हमेशा उससे आगे बढ़े, ठीक उसी तरह ऋषि कपूर भी यही चाहते थे। और आज रणबीर ने अपने पिता का ये सपना पूरा कर दिया है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Oct 2025 06:03 pm


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