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क्या होता है स्पेशल मैरिज एक्ट? जिसके तहत स्वरा भास्कर- फहद अहमद ने रचाई शादी, जानें विस्तार से…

अभिनेत्री स्वरा भास्कर ( swara bhaskar ) ने शादी की खबर देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने फहद अहमद ( fahad ahemad ) से शादी की है जो कि समाजवादी पार्टी की युवा शाखा 'समाजवादी युवजन सभा' के महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष हैं। दोनों ने अंतरधार्मिक जोड़ों की तरह विशेष विवाह अधिनियम या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत यह शादी की है।

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What is Special Marriage Act: बॅालीवुड इंडस्ट्री में इन दिनों शादी का सीजन चल रहा है। सिद्धार्थ मल्होत्रा (sidharth malhotra ) और कियारा आडवाणी ( kiara advani ) के बाद अचानक अभिनेत्री स्वरा भास्कर ( swara bhaskar ) ने शादी ( swara bhaskar and fahad ahemad marriage ) की खबर देकर सभी को चौंका दिया। गुरुवार को स्वरा ने सोशल मीडिया पर अपनी शादी की घोषणा की। उन्होंने फहद अहमद ( fahad ahemad ) से शादी की है जो कि समाजवादी पार्टी की युवा शाखा 'समाजवादी युवजन सभा' के महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष हैं। दोनों का धर्म अलग है, इसलिए अंतरधार्मिक जोड़ों की तरह दोनों ने विशेष विवाह अधिनियम या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत यह शादी की है।

स्वरा ने ट्वीट में किया था SMA का जिक्र
स्वारा भास्कर ने खुद इस एक्ट का जिक्र किया और ट्वीट जारी किया। उन्होंने लिखा,'स्पेशल मैरिज एक्ट के लिए तीन चियर्स, कम से कम यह मौजूद है और प्यार का मौका देता है, प्यार का अधिकार देता है, अपने लाइफ पार्टनर को चूज़ करने का अधिकार देता है, शादी का अधिकार देता है।' लेकिन स्पेशल मैरेज एक्ट होता क्या है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

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स्पेशल मैरिज एक्ट क्या है?

1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट (SMA) 9 अक्टूबर, 1954 को संसद द्वारा पारित किया गया था। यह एक नागरिक विवाह के बारे में है जहां राज्य धर्म के बजाए विवाह को मंजूरी देता है। हमेशा से विवाह, तलाक, गोद लेने जैसे पर्सनल लॉ के मुद्दे धार्मिक कानूनों द्वारा नियंत्रित होते हैं जो संहिताबद्ध हैं। इन कानूनों - जैसे मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1954, और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955, के तहत विवाह से पहले पति या पत्नी के दूसरे के धर्म में परिवर्तित होने की आवश्यकता होती है। लेकिन SMA अपनी धार्मिक पहचान को छोड़े बिना या धर्म परिवर्तन का सहारा लिए बिना अंतर-धार्मिक या अंतर-जाति जोड़ों के बीच विवाह को सक्षम बनाता है। इस एक्ट के चलते हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों, सिखों, जैनियों और बौद्धों सहित सभी धर्मों के लोग को बिना धर्म परिवर्तित करे शादी करने का अधिकार है।

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SMA की शर्ते
हालांकि SMA के तहत कुछ शर्तें है जिनके बिना शादी नहीं की जा सकती। सबसे पहले शादी करने वाले लड़के और लड़की पहले से विवाहित नहीं होने चाहिए या किसी भी पक्ष का जीवनसाथी जीवित नहीं होना चाहिए। लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल से अधिक होनी चाहिए। दोनों पक्ष शादी का फैसला लेने में सक्षम होने चाहिए और दोनों के बीच कोई रक्त संबंध नहीं होना चाहिए।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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