AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बूंदी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्रारंभिक स्तर पर बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की समझ पर बल
देते हुए प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने को लेकर शिक्षा विभाग ने नवीन पहल की है। राज्य के 962 महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों एवं 629 पीएमश्री विद्यालयों में संचालित बालवाटिका (प्री प्राइमरी कक्षा) के बच्चों का मूल्यांकन उनकी शैक्षिक गतिविधियों के साथ रचनात्मक कार्यों तथा शारीरिक विकास के आधार पर इन स्कूलों में नए सत्र से एचपीसी की व्यवस्था लागू की जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों का 360 डिग्री समग्र मूल्यांकन करने के लिए ऐसा किया जाएगा, जिसका बकायदा एक हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) भी बनाया जाएगा। इसमें बच्चों के मूल्यांकन के आधार पर उन्हें ग्रेड दी जाएगी। इस संबंध में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल ने आदेश जारी किया है। इसके तहत बूंदी के 34 महात्मा गांधी विद्यालय व 12 पीएमश्री विद्यालय शामिल है।
शाला दर्पण पर दर्ज होगी रिपोर्ट
एचपीसी की ऑनलाइन प्रविष्टि शाला दर्पण पोर्टल पर स्टाफ लॉग-इन के माध्यम से की जाएगी। इससे पहले सत्र में एसए-1, एसए-2 और एसए- 3 के रूप में तीन योगात्मक आकलन कर बच्चों की ग्रेड तय होगी। सत्र के अंत में एचपीसी की एक प्रमाणित प्रति विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
बच्चों की स्वास्थ्य व आदतें भी परखेंगे
होलिस्टिक कार्ड व्यवस्था में बच्चों के मूल्यांकन में शैक्षिक स्तर के अलावा मानसिक, भाषायी, व्यक्तिगत, सामाजिक व शारीरिक विकास को प्रमुख आधार माना गया है। इसमें बच्चों की लंबाई, वजन, क्षमता, स्वास्थ्य परीक्षण, उपस्थिति विवरण तथा नियमितता पर टिप्पणी भी शामिल की जाएगी। बच्चों के प्रिय खेल, गीत, फल आदि भी इसमें दर्ज की जाएगी।
यह रहेगा ग्रेड का आधार
स्वतंत्र रूप से कार्य कर पाने या अपेक्षित स्तर के समक्ष व दक्षता होना - ए ग्रेड
शिक्षक की सहायता से कार्य कर पाना व मध्यम स्तर की समझ व दक्षता होना - बी ग्रेड
शिक्षक की विशेष सहायता से कार्य कर पाने या प्रारंभिक स्तर की समझ या दक्षता होना - सी ग्रेड
इसका उद्देश्य
विद्यार्थियों को सतत समग्र एवं व्यापाक आंकलन को परिलक्षित करना।
शैक्षिक प्रगति को अंको के स्थान पर ग्रेड में दर्ज करना ।
विद्यार्थियों की प्रगति की नियमित मॉनिटङ्क्षरग करना।
विद्यार्थियों की शैक्षिक,सह-शैक्षिक,व्यक्तिगत एवं सामाजिक कौशल पर प्रगति को समेकित रूप से दर्ज करना।
विद्यार्थियों के अधिकतम अंतराल को कम करने के लिए योजना तैयार कर क्रियान्वयन करना।
बाल वाटिका स्तर पर बच्चों के समग्र विकास, सीखने की गुणवत्ता में सुधार और प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए स्कूलों में एचपीसी व्यवस्था लागू की गई है। वर्तमान सत्र से बच्चों का मूल्यांकन इसी आधार पर होगा। बूंदी के 34 महात्मा गांधी व 12 पीएमश्री विद्यालय शामिल है।
दलीप सिंह गुर्जर, एडीपीसी,समग्र शिक्षा, बूंदी
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Published on:
20 Dec 2025 11:58 am


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