AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बूंदी. प्रदेश में आए दिन हो रहे दर्दनाक हादसों को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने इनमें कमी लाने के निर्देश दिए है। सरकार का मानना है कि नाबालिगों की सड़क़ों पर तेज रफ्तार बाइक चलाने की प्रवृति से सडक़ हादसें बढ़ रह है। ऐसे में इनको ना तो यातायात नियमों की जानकारी है ना ही इनके पास लाइसेंस होता है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने इन हादसों को रोकने के लिए एक पहल करते हुए अब स्कूलों और कॉलेजों में सडक़ सुरक्षा क्लब गठित करने के निर्देश दिए है। नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही सभी शिक्षण संस्थानों में सड़क सुरक्षा क्लब बनाए जाएंगे, जो विद्यार्थियों सहित आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए रैली, कार्यशालाएं और विशेष कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसमें सभी विभागों को अंकित करते हुए हादसों को रोकने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा
गया है।
विद्यार्थियों को मिल सके मागदर्शन
बाल वाहिनी (स्कूल वाहन) से जुड़े सभी नियमों का कड़ाई से पालन कराई जाए। वाहन फिटनेस, निर्धारित गति सीमा, चालक की योग्यता और सुरक्षा मानकों पर नियमित निगरानी अनिवार्य होगी। इसी क्रम में शिक्षकों के लिए भी सड़क सुरक्षा से संबंधित क्षमता निर्माण कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी। इससे विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।
बच्चों को नियमों की कराओं पालना
स्कूलों में विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्टाफ को वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। नाबालिग विद्यार्थियों द्वारा वाहन चलाने पर पूरी पाबंदी सुनिश्चित की जाएं। अभिभावकों को भी इस संबंध में जागरूक किया जाएगा, ताकि घर से ही बच्चों को नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी तय हो सके।
गतिविधियों का करों रेकॉर्ड संधारित
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र के आरंभ में विद्यालयों और महाविद्यालयों में होने वाले सडक़ सुरक्षा क्लब के द्वारा की जा रही गतिविधियों का रेकॉर्ड संधारित किया जाए। नौ बैग डे सहित विद्यालयों के प्रमुख आयोजनों में सडक़ हादसों के खतरे, सुरक्षा उपकरणों के महत्व और ट्रैफिक नियमों पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। सडक़ सुरक्षा को शिक्षण संस्थानों के वार्षिक गतिविधि कैलेंडर में शामिल किया जाएगा।
सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना
सडक़ सुरक्षा क्लब का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराना और सडक़ दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाना है। साथ ही पुलिस एवं सडक़ संबंधी विभागों के समन्वय से विद्यालय व महाविद्यालयों के आसपास सेफ जोन एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करना है। क्लब के माध्यम से छात्रों को सुरक्षित ड्राइङ्क्षवग, संकेतक, हेलमेट व सीट बेल्ट के महत्व व पैदल यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों व महाविद्यालयों में सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सडक़ सुरक्षा क्लब का गठन किया जाएगा। गठित क्लब द्वारा नाबालिगों सहित स्कूलों में बच्चों को यातायात
के नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
धनराज मीणा, सहायक निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बूंदी
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Published on:
15 Dec 2025 04:52 pm


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