AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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गोठड़ा. कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का खेल मैदान इन दिनों दुर्दशा का शिकार हो रहा है। इसके प्रति न तो विद्यालय प्रशासन ध्यान दे रहा है। और ना ही जिम्मेदार महकमे का ध्यान है। ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाएं खेलें तो आखिर कहां खेलें। खेल मैदान में चारदीवारी नहीं होने से खेल मैदान का स्वरूप बिगड़ा हुआ है, जिसके चलते युवा भारतीय सेना की तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं।
जानकारी अनुसार करीब 13 बीघा भूमि पर खेल मैदान स्थित है, लेकिन कुछ लोगों के अतिक्रमण करने से मैदान का स्वरूप छोटा हो गया है। मैदान में चारों ओर गंदगी एवं बबूल उगे हुए हैं। खेल प्रेमियों ने बताया कि खेल मैदान काफी बड़ा है, लेकिन स्थानीय विद्यालय प्रशासन एवं ग्राम पंचायत के सार संभाल नहीं करने से खेल मैदान दुर्दशा का शिकार हो रहा है। कई बार खिलाडिय़ों ने यहां लगने वाली रात्रि चौपालों में जिला कलक्टर, ग्राम पंचायत सरपंच, एसडीएम आदि को ज्ञापन सौंपकर खेल मैदान की दशा सुधारने के लिए मांग की गई, लेकिन समस्या का समाधान अभी तक भी नहीं हुआ है।
कहां दौड़े, ट्रेक ही नहीं
भारतीय सेना में शामिल होने की तैयारियां कर रहे युवा खेल मैदान की हो रही दुर्दशा से काफी नाराज हैं। खेल मैदान में चार दीवारी नहीं होने से बबूल उगे हुए हैं। चोरों ओर फैली गंदगी व कंकर पत्थर युवाओं के पैरों में नासूर से चुभ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाइवे पर दौडऩे जाते हैं तो जान का खतरा बना रहता है। मैदान का समतलीकरण हो जाएं और दौड़ने के लिए ट्रैक की सुविधाएं मिल जाए तो सेना भर्ती रैली के लिए तैयारी करना आसान हो सकता है।
साढ़े 14 लाख रुपए हुए थे स्वीकृत
गोठड़ा कस्बे के खेल मैदान के लिए मनरेगा में वर्ष 2017-18 में करीब 14.50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिस राशि से खेल मैदान में चारों ओर खाई फेसिंग, दौडऩे के लिए ट्रैक, कबड्डी, खो खो के पिच आदि का निर्माण करवाया जाना था, लेकिन उस समय खेल मैदान की खाई फेसिंग करवाकर इतिश्री कर ली।
नहीं बना मॉर्डन खेल मैदान
साल 2016-17 में हिण्डोली ब्लॉक के दो दर्जन से अधिक खेल मैदानों को मॉर्डन खेल मैदान बनाने के लिए मनरेगा योजना के तहत राशि स्वीकृत हुई थी। तत्कालीन प्रशासन द्वारा गांवों के खेल मैदानों पर राशि खर्च नहीं की, जिससे मैदान कागजों में मॉर्डन खेल मैदान बन गए, लेकिन धरातल पर मैदानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है।
विद्यालय के पास बजट की कमी रहती है, जिससे मैदान का स्वरूप बिगड़ा हुआ है। ग्राम पंचायत को खेल मैदान की दुर्दशा सुधारने के लिए कई बार अवगत कराया है।
गजेंद्र सिंह सोलंकी, प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गोठड़ा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
09 Dec 2025 06:52 pm
Published on:
09 Dec 2025 06:51 pm


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