AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Personal Finance: हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं. वो चाहते हैं कि उनके बच्चों को भविष्य में किसी तरह की कमी न रहे, इसलिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश होती है कि उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सफल बना दिया जाए, उनके भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित कर दिया जाए. मगर कितने ही लोग ऐसा कर पाते हैं. सिर्फ अच्छी पढ़ाई लिखाई और नौकरी तक सीमित होना उनके भविष्य को कितनी वित्तीय सुरक्षा दे पाएगा.
जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है, डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है, इसने माता-पिता की चिंता और बढ़ा दिया है. ऐसे माहौल में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए माता-पिता को कई बातों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे हायर एजुकेशन पर आने वाला खर्च, कितनी बचत करनी होगी और लंबे समय में कब कितने पैसों की जरूरत होगी. ये सारा हिसाब पैरेंट्स को पहले ही लगाकर रखना होगा. हम यहां पर 5 तरीकों के बारे में बात करेंगे, जिससे आप अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर तरीके से फाइनेंशियली सिक्योर कर पाएंगे.
किसी भी अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में हायर एजुकेशन पर काफी खर्च आता है. इसे ध्यान में रखते हुए माता-पिता को अपने बच्चे की शिक्षा के लिए एक मजबूत फंड तैयार करने की योजना बनानी चाहिए. पैरेंट्स को ये समझना चाहिए कि आज से 10 साल बाद शिक्षा की लागत मौजूदा समय के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी. इसलिए सिर्फ मौजूदा खर्च को देखकर योजना बनाना सही नहीं है.
भविष्य में आपको ज्यादा फंड चाहिए, जिस हिसाब से एजुकेशन महंगा हो रहा है, FD जैसे विकल्प कारगर साबित नहीं होंगे. इसलिए जरूरी है कि आप ऐसे एसेट क्लास में निवेश करें जहां से आपको ऊंचा रिटर्न मिल सके. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा और कम समय में एक मजबूत एजुकेशन कॉर्पस तैयार किया जा सकेगा.
एक बात ध्यान रहे कि निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी कर सकें उतना ही ज्यादा कॉर्पस इकट्ठा कर सकेंगे. जल्दी निवेश शुरू करने से माता-पिता को लंबा समय, ज्यादा जोखिम झेलने की क्षमता और बेहतर रिटर्न कमाने का मौका मिलता है. अगर पैरेंट्स बच्चे के जन्म के बाद ही उसकी फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत कर दें, तो वे उसके भविष्य को कहीं ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं.
लंबी अवधि तक निवेश करने से बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और भविष्य के लिए फायदेमंद रहता है.
मगर, आमतौर पर ज्यादातर माता-पिता इसी में चूक कर जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पास अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए अभी बहुत समय है, जबकि सच्चाई यह है कि समय निवेश की सबसे कीमती और दोबारा न मिलने वाली चीज़ है. आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ही आसान होगा अपने लक्ष्यों तक पहुंचना और अपने बच्चे के भविष्य के लिए पर्याप्त बचत करना.
आपको एक समय के बाद कितने फंड की जरूरत होगी, आपकी रिस्क लेने की क्षमता कितनी है. इस आधार पर आपको एसेट एलोकेशन करना चाहिए. जब निवेश आपके लक्ष्य के हिसाब से किया जाता है, तो मैच्योरिटी के समय आपको जरूरी रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है. अपने लक्ष्यों के हिसाब से आप म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स जैसे विकल्प चुन सकते हैं.
इसके अलावा पोर्टफोलियो का डायवर्सिफाई करना भी जरूरी है. आपको निवेश इस हिसाब से करना चाहिए कि मैच्योरिटी में भी डायवर्सिफिकेशन रहे. जैसे कि अगर आप अभी अभी पिता बने हैं तो आपको स्कूल में एडमिशन से पहले के लिए पैसे जोड़ना चाहिए, यानी आपके पास 2-3 साल का ही वक्त है. जब आपका बच्चा किसी प्ले स्कूल में जाएगा. इसके बाद स्कूल, कॉलेज के लिए पैसे चाहिए होंगे. ऐसे में आपको इस तरह से निवेश की योजना बनानी चाहिए कि निवेश की अवधि के दौरान आपको नियमित अंतराल पर पैसों की जरूरत पूरी होती रहे.
सिर्फ निवेश करके आप अपने बच्चों को भविष्य वित्तीय रूप से सुरक्षित नहीं कर सकते हैं. जिंदगी में कुछ भी हो सकता है, उसके लिए भी तैयार रहना जरूरी है. हादसे, बीमारियां और उनका इलाज जब सिर पर अचानक आते हैं तो जमा किया हुआ निवेश भी कम पड़ जाता है. इसलिए पूरे परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बेहद जरूरी है.
आप अपने परिवार के लिए फैमिली फ्लोटर प्लान ले सकते हैं. इस पॉलिसी में बच्चों को जोड़ना न भूलें. बच्चे के भविष्य के लिए बचत करना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी उसका सही हेल्थ इंश्योरेंस होना भी है. हालांकि बच्चों में गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है, लेकिन हादसे चोट तो कभी भी हो सकते हैं. ऐसे हालात न सिर्फ भावनात्मक रूप से परेशान करने वाले होते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी बड़ा बोझ बन सकते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज कितना होना चाहिए ये अपने परिवार के साइज और अपनी क्षमताओं के हिसाब से तय करें. जिस हिसाब से हेल्थ इन्फ्लेशन बढ़ रहा है, कोशिश करें कि हेल्थ इंश्योरेंस 10 लाख रुपये तक हो सके.
ये गलती अक्सर लोग करते हैं, नॉमिनी की नियुक्ति अनिवार्य होती है. माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु की स्थिति में किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नॉमिनी बनाना कई मुश्किलों को दूर कर देता है. इसलिए नॉमिनी का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए, क्योंकि बच्चे के बालिग होने तक वही व्यक्ति क्लेम की रकम हासिल करने और उसे सुरक्षित तरीके से संभालने की जिम्मेदारी निभाएगा.
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Updated on:
24 Dec 2025 04:46 pm
Published on:
24 Dec 2025 04:45 pm


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