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NPS के नए नियम: गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स को मिलेगी ज्यादा निकासी और लोन की सुविधा, जानिए डिटेल

NPS निवेशकों के लिए राहत की खबर है। गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट पर 80% तक राशि एकमुश्त निकालने की अनुमति दी है। जानिए पूरी डिटेल।

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नए नियम 12 दिसंबर 2025 से लागू रहेंगे। (PC: Freepik)

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़े निकासी नियमों में पेंशन फंड रेगूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने बड़ा बदलाव किया है। 12 दिसंबर 2025 के संशोधित नियमों के तहत अब गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के समय ज्यादा रकम निकालने की छूट दी गई है। नए नियमों के अनुसार, ऐसे सब्सक्राइबर्स अब अपने NPS की कुल जमा राशि का 80% तक एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि सिर्फ 20% राशि पेंशन (annuity) में रखना अनिवार्य होगा। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुराना नियम ही लागू रहेगा, जिसमें 60% राशि निकाली जा सकती है और 40% राशि जमा रखनी होगी।

कौन निकाल सकता है राशि?

निकासी की शर्तें अब कुल जमा राशि के हिसाब से तय की गई हैं। सब्सक्राइबर्स 85 साल की उम्र तक निवेश कर सकते हैं। जिन गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स ने एनपीएस के साथ 15 साल पूरे कर लिए हैं, या 60 साल की उम्र हो गई है, या शारीरिक अक्षमता की स्थिति में बाहर निकल रहे हों, वे निम्न रूप से राशि निकाल सकते हैं।

  • 8 लाख रुपये या उससे कम कुल जमा राशि वाले सब्सक्राइबर्स पूरी जमा राशि निकाल सकते हैं।
  • 8 से 12 लाख रुपये तक की कुल जमा राशि वाले सब्सक्राइबर्स 6 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं, और बची राशि पेंशन के लिए जमा रखी जाएगी।
  • 12 लाख रुपये से अधिक की कुल जमा राशि वाले सब्सक्राइबर्स 80:20 वाले अनुपात में निकासी कर सकते हैं।

निकासी और लोन की सुविधा

नए नियमों में आंशिक निकासी और लोन से जुड़ी व्यवस्था को भी ज्यादा स्पष्ट और लचीला बनाया गया है। अब तक NPS कॉर्पस के बदले लोन की अनुमति नहीं थी, लेकिन नए नियमों के तहत सब्सक्राइबर्स अपने कॉर्पस के आधार पर रेगुलेटेड वित्तीय संस्थानों से 25% तक लोन या वित्तीय सहायता ले सकेंगे। वहीं, बच्चों की पढ़ाई या शादी, घर निर्माण और इलाज के लिए आंशिक निकासी की पुरानी शर्तें बरकरार रखी गई हैं। हालांकि, घर निर्माण के लिए आंशिक निकासी को अब वन-टाइम सुविधा कर दिया गया है। मेडिकल निकासी के मामले में बीमारियों की नई सूची जोड़ी गई है। खुद, जीवनसाथी, सगे या गोद लिए बच्चों और माता-पिता के इलाज या अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में पैसे निकलवा सकते हैं।

मृत्यु की स्थिति में क्या होगा?

नए नियमों में NPS को ज्यादा सुविधाजनक और लचीला बनाने की कोशिश दिखाई देती है। अब प्राइवेट सब्सक्राइबर्स के लिए अलग से 5 साल का लॉक-इन पीरियड नहीं होगा, बल्कि पात्रता और एन्युटी शर्तों के आधार पर निकासी होगी। साथ ही, सब्सक्राइबर की मृत्यु या लापता होने की स्थिति में नॉमिनी और कानूनी वारिसों को भी राहत दी गई है। यदि कोई सब्सक्राइबर लापता घोषित होता है, तो उसके परिजनों को तुरंत कुल जमा राशि का 20% हिस्सा अंतरिम राहत के तौर पर मिलेगा, जबकि बाकी राशि जमा रहेगी। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम 80% भुगतान किया जाएगा।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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