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Explainer: SEBI के इस एक फैसले से बनेंगे 4 लाख रुपये एक्स्ट्रा! एक्सपेंस रेश्यो कटौती से कैसे मिलेगा फायदा?

बेस एक्सपेंस रेश्यो (BER) में फंड हाउस की फीस, मैनेजर की फीस शामिल होगी. यानी BER में केवल वही खर्च होंगे जो सीधे म्यूचुअल फंड को चलाने से जुड़े हैं

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एक्सपेंस रेश्यो में ये कटौती आपको छोटी लग सकती है, लेकिन लंबी अवधि में इसका असर बड़ा है. (PC: Canva)

SEBI Lowers Expense Ratios: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) में 10-20 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर दी है. ये फैसला मौजूदा वक्त में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सबसे बड़े रिफॉर्म्स में से एक कहा जा सकता है. क्योंकि इससे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की लागत कम होगी, जिसका असर रिटर्न्स पर भी दिखेगा.

SEBI ने क्या किया बदलाव

एक्सपेंस रेश्यो में कटौती सभी म्यूचुअल फंड्स- इक्विटी, डेट, इंडेक्स फंड्स, ETFs या क्लोज्ड एंडेड फंड्स सभी पर 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा. सेबी ने कॉस्ट डिस्क्लोजर को आसान करने के लिए बेस एक्सपेंस रेश्यो (BER) को भी नए तरीके से लागू करने का फैसला किया है. BER में सिर्फ फंड के मुख्य खर्चे शामिल होंगे, न कि टैक्स और दूसरे ब्रोकरेज और कमीशन.

इसको ऐसे समझिए कि फंड हाउस और फंड मैनेजमेंट से जुड़ी फीस को बेस एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता है. इसके अलावा ब्रोकरेज/कमीशन और बाकी दूसरे सरकार टैक्स जैसे कि GST, STT वगैरह भी लगते हैं. ये सबकुछ पहले TER में शामिल होता था. जो कि सुविधाजनक तो था, लेकिन पारदर्शी नहीं.

अब सेबी ने इन सबको अलग-अलग कर दिया है. अब बेस एक्सपेंस रेश्यो (BER) में फंड हाउस की फीस, मैनेजर की फीस शामिल होगी. यानी BER में केवल वही खर्च होंगे जो सीधे म्यूचुअल फंड को चलाने से जुड़े हैं, मतलब कि फंड हाउस की मुख्य लागत. जैसे की फंड मैनेजरी की सैलरी, रिसर्च एनालिसिस की लागत और ऐसी दूसरे खर्च. जबकि शेयरों को खरीदने-बेचने की लागत, ब्रोकेरज,डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन ये BER से बाहर रहेगा. GST, STT, स्टैम्प ड्यूटी भी इसमें शामिल नहीं होगी. इससे म्यूचुअल फंड निवेशक ये समझ सकेंगे कि कहां कितना खर्च हो रहा है. उनकी लागत कहां जा रही है.

किस कैटेगरी में कितनी लागत कम हुई

  • इंडेक्स फंड्स और ETFs का बेस एक्सपेंस रेश्यो 1% से घटाकर 0.9% कर दिया गया है.
  • लिक्विड स्कीम्स में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड्स, इंडेक्स फंड्स या ETFs की लागत भी 1% से घटकर 0.9% हो गई है
  • 65% हिस्सा इक्विटी स्कीम्स में लगाने वाली फंड ऑफ फंड्स का एक्सपेंस रेश्यो भी 2.25% से घटाकर 2.10% कर दिया गया है
  • बाकी फंड ऑफ फंड्स की लिमिट को भी 2% से घटाकर 1.85% कर दिया गया है

इस कटौती से कितना फर्क पड़ेगा?


एक्सपेंस रेश्यो में ये कटौती आपको छोटी लग सकती है, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेश लंबी अवधि का खेल है. इसलिए इसका फर्क आपको तभी दिखेगा. क्योंकि जब आपके निवेश किए हुए पैसों पर लागत कम होगी, यानी ज्यादा पैसा निवेश रहेगा तो लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का की वजह से रिटर्न पर असर पड़ेगा.

एक्सपेंस रेश्यो कैसे काम करता है, समझिए
मान लीजिए कि आपने किसी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, जिसका एक्सपेंस रेश्यो 1.25% है. फंड में आपका निवेश 1,00,000 रुपये है, मान लेते हैं कि आपका निवेश बढ़कर पहले 1,00,600 रुपये हो जाता है फिर घटकर 1,00, 500 रुपये हो जाता है.

तारीखनिवेश की वैल्यू (₹)एक्सपेंस रेश्यो (₹)
1 नवंबर 20251,00,6004.13
10 दिसंबर 20251,00,1504.11

इस कैलकुलेशन में 1 नवंबर को आपके कॉर्पस पर 4.13 रुपये की लागत आती है. जबकि 10 दिसंबर को आपका कॉर्पस गिरता है तो लागत भी कम होकर 4.11 रुपये हो जाती है. यही प्रक्रिया रोज चलती है. कॉर्पस बढ़ने पर आपका एक्सपेंस रेश्यो भी बढ़ता है.

आपके रिटर्न पर कैसे असर डालेगा?


एक्सपेंस रेश्यो आपके रिटर्न पर कैसे असर डालता है, इसका बिल्कुल सटीक कैलकुलेशन करना आसान नहीं है, क्योंकि यह रोज़ NAV से कटता है और NAV रोज घटता बढ़ता रहता है, लेकिन इसका एक मोटा आइडिया ज़रूर लगाया जा सकता है.

SIP: 15,000 रुपये
अवधि: 25 साल
अनुमानित रिटर्न: 12%

एक्सपेंस रेश्योएडजस्टेड रिटर्नफंड (₹ करोड़)
2.25%9.75%1.79
2.10%9.90%1.83

ध्यान रहे कि ये आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं, लेकिन ये साफ दिखाते हैं कि एक्सपेंस रेश्यो में मामूली सा बदलाव भी लंबी अवधि में रिटर्न पर कितना बड़ा असर डाल सकता है. हममें से ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड निवेश में एक्सपेंस रेश्यो को नजरअंदाज करके चलते हैं, लेकिन ये वो पैसा है जो चुपचाप आपके निवेश से कटता रहता है, जो लंबी अवधि में एक बड़ा अमाउंट हो जाता है.

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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