AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) पर केंद्र सरकार मेहरबान हो गई है। सरकार ने दिव्यांगजनों की सहूलियत को देखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। डाक विभाग ने उनके ट्रांसफर को समयसीमा में बांध दिया है। पोस्टल डिपार्टमेंट ने लिमिटेड ट्रांसफर फैसिलिटी (LTF) के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए साफ किया है कि बेंचमार्क दिव्यांगता वाले ग्रामीण डाक सेवकों को अब केवल 1 साल की सतत सेवा पूरी करने के बाद ही ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी।
सहायक निदेशक (GDS) आनंद सिंह के आदेश के अनुसार यह प्रावधान 10 अक्टूबर 2024 को जारी दिशा-निर्देशों में जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण डाक सेवक (PwBD) के लिए लिमिटेड ट्रांसफर फैसिलिटी (LTF) के तहत न्यूनतम नियुक्ति की सीमा 1 वर्ष की सतत सेवा ही रहेगी।
इस फैसले से ग्रामीण डाक सेवक वर्ग के दिव्यांग कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें ट्रांसफर के लिए लंबा टाइम बिताने की बाध्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा। पहले सामान्य श्रेणी के GDS कर्मियों को स्थानांतरण के लिए अधिक समय तक सेवा देनी पड़ती थी। यह संशोधन आगामी ऑनलाइन ट्रांसफर साइकिल से लागू होगा। डाक विभाग ने साफ किया है कि यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।
बता दें कि ग्रामीण डाक सेवक डाक विभाग की रीढ़ माने जाते हैं। देश के सुदूर गांवों में डाक सेवाएं पहुंचाने के साथ-साथ वे सरकारी योजनाओं को भी आम जनता तक पहुंचाने का काम करते हैं। ऐसे में दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यह फैसला उन्हें कार्यस्थल के चुनाव में लचीलापन भी देगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Updated on:
29 Aug 2025 12:21 pm
Published on:
29 Aug 2025 11:56 am


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।