AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy-NEP) को लागू करने के क्रम में त्रि-भाषा फार्मूले के साथ हिंदी का जो विरोध शुरू हुआ था वह तमिलनाडु में नए स्तर तक पहुंच गया है। अब लोग रेलवे स्टेशन पर हिंदी में लिखे स्टेशन के नामों पर कालिख पोतने पर आमादा हैं।
तमिलनाडु में हिंदी विरोध की आंच अब रेलवे स्टेशनों तक पहुंच गई है। कोयम्बत्तूर के निकट पोल्लाची रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर रविवार को हिंदी विरोधी प्रदर्शन हुआ। प्रो-तमिल प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन के साइनबोर्ड पर लिखे हिंदी शब्दों को काले रंग से पोत दिया। घटना सुबह 7:25 बजे हुई। डीएमके (DMK) कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर हिंदी भाषा थोपने के विरोध में स्टेशन पर तीन नाम बोर्डों पर लिखे हिंदी (Hindi) अक्षरों पर काले रंग का ग्रीस ऑयल पोत दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आरपीएफ का एक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करता दिखा। घटना के बाद, दक्षिण रेलवे के पालक्काड़ डिवीजन के अधिकारियों ने सफाई दी कि नाम को तुरंत रीस्टोर कर दिया गया। रेलवे ने कहा, आरपीएफ पोल्लाची ने आरोपियों की पहचान कर ली है और रेलवे एक्ट के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पांच डीएमके सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कहा पोल्लाची टाउन सचिव 'थेंड्राल' के सेल्वराज सहित पांच डीएमके सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार, सेल्वराज, सत्तारूढ़ डीएमके के कोयम्बत्तूर जिला (दक्षिण) समन्वयक के रूप में काम कर रहा है। उनके साथ उनके चार समर्थकों पर रेलवे अधिनियम की धारा 147 (अतिक्रमण और अतिक्रम से बचने से इनकार), 145 बी (उपद्रव करना) और 166 (सार्वजनिक नोटिस को खराब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों की तलाश कर रही है। हालांकि, डीएमके सूत्रों के अनुसार, सेल्वराज ने पार्टी नेताओं के बीच प्रसिद्धि पाने के लिए यह स्टंट किया। 2021 में विधानसभा चुनाव में डीएमके की कोयम्बत्तूर सीट भाजपा से हारने के बाद उन्हें जिला समन्वयक के पद से निलंबित कर दिया गया था। सेल्वराज वर्तमान में 'सत्ताथिट्टाथिरुथाकुझु' के सदस्य हैं।
पहले यह पॉलिसी बीजेपी-शासित राज्यों में लागू की जाए
सत्ताधारी पार्टी डीएमके और केंद्र सरकार के बीच हिंदी को लेकर विवाद लगातार जारी है। डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिए हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। डीएमके के प्रवक्ता टीकेएसइलंगोवन ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, पहले यह पॉलिसी बीजेपी-शासित राज्यों में लागू की जाए और वहां के शिक्षा स्तर को सुधारा जाए। इस नीति का असली उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था पर धार्मिक विचार थोपना है, जिसे हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
24 Feb 2025 02:01 am


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।