Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

54 पदक लाने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी फेल, सिस्टम के दांव में फंसा जूडो

इस भवन की कीमत लगभग 19 लाख रुपए है। वर्ष 2019 में इसे जूडो के लिए अलॉट कर दिया गया था, जहां पर खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देना मकसद था, लेकिन यहां की स्थिति बद्तर हो गई है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
training center
प्रशिक्षण केंद्र

जिले में 53 महिला व पुरुष खिलाड़ी हैं जो देशभर में जाकर नेशनल लेवल पर शहर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और अपना शत प्रतिशत दे रहे हैं और 54 पदक जीतकर लाए हैं, लेकिन फिर भी वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम नहीं बना पाए हैं। वहीं तारामंडल कक्ष को खेलो इंडिया के अंतर्गत जूडो का प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है। इस भवन की कीमत लगभग 19 लाख रुपए है। वर्ष 2019 में इसे जूडो के लिए अलॉट कर दिया गया था, जहां पर खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देना मकसद था, लेकिन यहां की स्थिति बद्तर हो गई है। भवन जर्जर अवस्था में अपनी पहचान खो रहा है और न तो यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है और न ही भवन की देखरेख हो रही है।

जबकि जिले में स्टेडियम, प्रशिक्षण और कोच आदि नियुक्त किए गए हैं फिर भी अन्य जिलों की तुलना छतरपुर जिले के खिलाड़ी विश्वपटल पर अपनी छाप छोडऩे में विफल हैं। जबकि खेल एवं युवा कल्याण विभाग का कहना है कि शहर में स्टेडियम बनने से खेल में सुधार आया है। खिलाडिय़ों को उपकरण के साथ-साथ अनुभवी कोच उपलब्ध हैं, जो प्रैक्टिस के साथ-साथ खिलाडिय़ो की कमियों को उजागर करके प्रशिक्षित करते हैं।

दो जगह प्रशिक्षण

शहर में जिले भर के खिलाडिय़ों के लिए दो जगह प्रशिक्षण शुरु किया गया है। एक तो स्टेडियम के पास खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित है तो दूसरा खेलो इंडिया के द्वारा प्रशिक्षण कक्ष अलॉट किया गया है। खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा तो बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन खेलो इंडिया कक्ष बंद होने से कई खिलाडिय़ों के सपने धूमिल हो रहे हैं। जबकि जिले में जूडो के बेहतरीन प्लेयर हैं, लेकिन सिस्टम के दांव में इन खिलाडिय़ों को प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा है।

पांच सौ खिलाड़ी हैं जिले में

प्रशिक्षक शंकर लाल रैकवार ने बताया कि खेल और युवा कल्याण विभाग छतरपुर जूडो सेंटर से लगभग 50 बच्चे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं और 500 बच्चे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। इनमें दीपक मिश्रा, खेलो इंडिया गोल्ड मेडलिस्ट, दीपिका मिश्रा मध्य प्रदेश जूडो अकैडमी भोपाल में चयन, आस्था जैन राज्य ब्राउंस मेडल, यशस्वी साहू राज्य स्तरीय सिल्वर मेडल, जिया खान राज्य स्तरीय सिल्वर मेडल, शिव रैकवार राज्य स्तरीय ब्रोंज मेडल, दिव्यांश रावत राज्य स्तरीय ब्रोंज मेडल में अपना कमाल दिखा चुके हैं। इसके बाद भी नए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण न मिल पाना सिस्टम की अनदेखी है।

मलखंभ के खिलाड़ी अधिक

जिले में सबसे प्राचीन खेल मलखंब के खिलाडिय़ों की संख्या अधिक है। मलखंब के बारे में जानकारी देते हुए प्रभारी राजेंद्र कोष्ठा का कहना है कि यह खेल सबसे पुराना और भारतीय है। मगर कोई भी खेल आगे तभी जाता है जब वहां पर खिलाडिय़ों को वैसा माहौल मिले। हम लोगों के द्वारा कोशिश की जा रही है कि बच्चे स्पोर्टस में ज्यादा से ज्यादा रुचि रखें और उनके अभिभावकों से भी कहा जाता है कि बच्चों को शारीरिक गतिविधियों की ओर प्रेरित करें।

डाइट प्लान नहीं

अन्य शहरों में देय बोर्ड है जो राज्य स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी को डाइट और मानदेय भी देता है। इससे खिलाड़ी को अपने प्रशिक्षण में सुविधा प्राप्त होती है। यदि ये सुविधाएं यहां शुरु हुईं तो हमारे खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोडेंगे।जूडो प्रशिक्षण हॉल में नहीं दिया जा रहा प्रशिक्षणखेलो इंडिया के अंतर्गत जूडो हॉल भवन में न तो कोई व्यवस्था है और न ही जूडो खेलने वाले खिलाड़ी। स्कूल में इस साल कोई भी छात्र खेलो इंडिया के लिए नामांकित नहीं है, न ही यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले भर से आए खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा के दम पर मेहनत करते हुए खेल के लिए अपना शत प्रतिशत दिया है। इसके बाद भी उन्हें उस स्तर की सफलता नहीं मिली जिसके वे हकदार हैं। जिले के खिलाडिय़ों के पास इस वर्ष 54 पदक हैं फिर भी वे विश्वपटल पर छाप बनाने में असफल हुए हैं।

इस वर्ष नहीं कोई रजिस्ट्रेशन

खेलो इंडिया के लिए बने भवन में न तो प्रशिक्षण दिया जा रहा है और न ही कोई नया खिलाड़ी तैयार किया जा रहा है। यहां पर प्रशिक्षण देने वाले कोच दीपक मिश्रा जो खेलो इंडिया के गोल्ड मेडलिस्ट हैं वे खिलाडिय़ों को सही प्रशिक्षण देने में विफल हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष एक भी नया खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए नहीं आया है।

जूडो रजत 01

सेफकटकरा कांस्य 04

मलखंब कांस्य 01

इनका कहना है

जूडो के लिए शहर में दो जगह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खिलाडिय़ों ने भी अपना बेहतर प्रदर्शन किया है। खेलो इंडिया में प्रशिक्षण की स्थिति की जानकारी लेकर चर्चा की जाएगी।राजेंद्र कोष्टा, प्रभारी खेल एवं युवा कल्याणप्रशिक्षण भी सही है और खिलाडिय़ों में कोई कमी नहीं है। बस माहौल वैसा नहीं है। यहां खिलाड़ी पूरी तरह स्पोर्ट पर फोकस नहीं है। वह पढ़ाई के साथ प्रशिक्षण ले रहा है तो उतना फोकस नहीं हो पा रहा है। अभिभावकों के सपोर्ट के बिना बच्चों का स्पोर्ट में इंवाल्वमेंट नहीं बढ़ेगा।

शंकर रैकवार, कोच जूडो

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?

लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar