AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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नगर निगम में डीजल की आपूर्ति में क्यूआर कोड लागू कर दिया गया है लेकिन जलप्रदाय शाखा में पानी टैंकर के माध्यम से डीजल चोरी हो रही है। एक कंडम टैंकर में हर दिन ४५ लीटर डीजल की चपत लगाने का मामला सामने आया है। निगम आयुक्त सीपी राय ने बातचीत में दावा किया कि पानी टैंकरों में क्यूआर कोड से डीजल की आपूर्ति की मानीटरिंग को और सख्त किया जाएगा।
नगर पालिका निगम में पानी के टैंकरों की संख्या 50 से 55 के करीब है। 24 टैंकर जलप्रदाय विभाग के अंतर्गत आते हैं जिन्हें डीजल के लिए क्यूआर कोड दिया गया है प्रत्येक टैंकर को 12 से 15 लीटर डीजल प्रतिदिन दिया जाता है। एक ट्रक पर बने पानी टैंकर क्रमांक एमपी २८ डीबी ११०१ का रजिस्टे्रशन वर्ष 1988 से निरस्त है। उसे चलाने की परमिशन भी नहीं है ना ही कागज है। इस टैंकर को 45 लीटर प्रतिदिन डीजल दिया जाता है।
नगर निगम के टैंकरों के पेट्रोल पंप पहुंचने पर गड़बड़ी की जाती है। ड्राइवर के क्यू आर कोड दिखाए जाने पर 14 से 15 लीटर डीजल स्कैन किया जाता है लेकिन केवल 5 लीटर ही डाला जाता है। ऐसा ही 45 लीटर वाले टैंकर में 10 लीटर डीजल डाला जाता है। इस टैंकर में ३५ लीटर डीजल बचा लिया जाता है। फिर बचे डीजल की कैश राशि में बंदरबांट की जाती है। इस तरह एक अनुमान के अनुसार एक दिन में करीब २५० से ३०० लीटर डीजल की चोरी हो रही है।
इस मामले में टैंकर के ड्राइवर प्रतिदिन ढाई सौ लीटर डीजल की चपत लगा रहे हैं। जिसे नगर निगम के अधिकारी सब कुछ जानते हुए शह दे रहे हैं। यह गड़बड़ी लम्बे समय से चल रही है।
पानी टैंकरों में क्यूआर कोड से डीजल की आपूर्ति की मानीटरिंग को और सख्त किया जाएगा। टैंकर से डीजल चोरी के मामले में कर्मचारियों को भी चेतावनी जारी की जा रही है। उन्हें बक्शा नहीं जाएगा।
-सीपी राय, कमिश्नर नगर निगम।
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Published on:
11 Oct 2025 11:31 am


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