AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Asia Cup History: 1983 के वर्ल्डकप में भारत ने इंग्लैंड को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। उस समय BCCI के अध्यक्ष एन.के.पी. साल्वे थे। उन्हें अमेरिका में भारतीय हाई कमिश्नर सिद्धार्थ शंकर रे का फोन आया। उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के लिए फाइनल मैच के 2 टिकट मांगे। साल्वे ने टिकट के लिए अधिकारियों से बात की, लेकिन लॉर्ड्स स्टेडियम के अधिकारियों ने यह कहकर टिकट देने से मना कर दिया कि, “आपके लिए पहले ही दो टिकट दिए जा चुके हैं, इससे ज्यादा नहीं मिलेंगे।” फाइनल मैच के दिन स्टेडियम के एक हिस्से में कई सीटें खाली थीं, क्योंकि इंग्लैंड फाइनल में नहीं था और वहां बैठे जाने वाले खास मेहमान नहीं आए। फिर भी भारत की टीम के प्रमुख अधिकारी को 2 टिकट नहीं मिले। यह बात साल्वे के लिए बहुत अपमानजनक थी।
उस समय BCCI के पास इतनी पॉवर नहीं थी। वर्ल्ड क्रिकेट पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का दबदबा था। लेकिन फाइनल मैच में भारत ने दो बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। उसी समय साल्वे ने ठान लिया कि अब वर्ल्डकप को इंग्लैंड से बाहर आयोजित करवाना है। इसी के लिए उन्होंने एशियन टीमों को एक साथ लाने का फैसला किया।
साल्वे ने अपनी योजना के बारे में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के उस समय के प्रमुख नूर खान को बताया और उन्हें अपने साथ कर लिया। 1983 में पाकिस्तान के लाहौर में एक बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत का इसमें साथ देने का फैसला किया। इसके बाद दिल्ली में एक और बैठक आयोजित की गई, जिसमें भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने हाथ मिलाया और इसी तरह एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का गठन हुआ। इसके पहले अध्यक्ष एन.के.पी. साल्वे बने।
इंग्लैंड ने कहा था कि एशिया में 60 ओवर का मैच नहीं हो सकता। इसके जवाब में ACC ने तय किया कि वे 50 ओवर का टूर्नामेंट आयोजित करेंगे। इसी तरह ACC ने एशियाई देशों के बीच एक टूर्नामेंट आयोजित करवाने का फैसला किया। 1984 मेें ही शारजाह में पहला एशिया कप का खेला गया, जिसमें ACC के सदस्यों भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने भाग लिया। भारत इस पहले एशिया कप का चैंपियन बना। बाद में इसका हिस्सा बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे देश भी बने और वर्तमान में ACC के कुल 30 देश सदस्य है।
एन.के.पी. साल्वे के प्रयासों के दम पर एशिया कप का सफल आयोजन हुआ। इसका परिणाम यह रहा कि पहली बार वर्ल्डकप का आयोजन इंग्लैंड से बाहर हुआ। 1987 के वर्ल्डकप की भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से मेजबानी की।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
10 Dec 2025 11:01 am


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