Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

दमोह पुलिस का ये कैसा डर, एमपी ई कॉप ऐप पर अपडेट नहीं हो रही रोज एफआइआर

सभी पुलिस थानों के एफआइआर नहीं हो रहे अपडेट, नियम के तहत रोजाना शो होना है जरूरी

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Damoh Police
Damoh Police

दमोह. पुलिस और नागरिकों को एक प्लेटफार्म पर जोडऩे के लिए शुरू हुए पुलिस के सिटीजन पोर्टल और ऐप पर इन दिनों पुलिस का पहरा हो गया है। बीते एक सप्ताह से दमोह पुलिस ने सभी पुलिस थानों का रेकॉर्ड सिटीजन के लिए अपलोड नहीं किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों को उनके एफआइआर की पीडीएफ और डिजिटल कॉपी के लिए भटकना पड़ रहा है। विदित हो कि नागरिकों को बिना किसी थाने के चक्कर काटे बिना कभी भी एफआइआर का कॉपी डाउनलोड करने की सुविधा के लिए यह ऐप बनाया गया था, लेकिन दमोह में इसके विपरीत देखने मिल रहा है।
आम लोगों को पुलिस डायरी से जोडऩे, पुलिस के प्रति उनके विश्वास को बनाए रखने और फरियादियों को बार-बार उनके द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट देखने की सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा बाते वर्षों में जिले के सभी पुलिस थानों को ऑनलाइन करा दिया था। साथ ही अनिवार्य किया गया है कि थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के साथ ही ऐप और पोर्टल पर भी अपलोड होना चाहिए, जिससे कि पुलिस के अधिकारियों के अलावा आम सिटीजन भी मोबाइल नंबर या यूजर आइडी के माध्यम से इस पोर्टल पर जाकर थाने की रिपोर्ट को देख सकते हैं।
जिले के सभी १९ पुलिस थाने भी ऑनलाइन हो चुके हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी थानों पर ऑनलाइन ही काम हो रहा हैं, लेकिन पुलिस के सिटीजन पोर्टल और एमपी इ कॉप ऐप पर जाकर जब इन थानों के अपडेट्स पर नजर डाली जाती हैं तो पुलिस थानों में महीनों के अपडेट्स तक नजर नहीं आते। जिले के सभी सभी पुलिस थानों में ऐसी स्थिति देखने मिलती हैं। ऐप के माध्यम से पत्रिका ने भी जब चेक किया तो किसी भी थाने का ताजा या १५ दिन पुराना अपडेट्स भी उपलब्ध नहीं था। ऐसे में आम फरियादी कैसे उसके द्वारा कराई गई एफआईआर को देख सकता हैं।

-पारदर्शिता के लिए सिटीजन सुविधा
पुलिस थानों के ऑनलाइन होने के बाद वैसे तो अब रिपोर्ट भी कम्प्यूटरीकृत दर्ज होने लगी हैं। ऐसे में पारदर्शिता तो हो ही गई हैं, लेकिन ऑनलाइन और सिटीजन पोर्टल या ऐप पर शो करने का मकसद भी पुलिस का यही था कि अधिक पारदर्शिता पुलिस और सिटीजन के बीच बनी रहे। जिससे आरोप जैसी स्थिति निर्मित न हो। इसके बाद भी दमोह के पुलिस थानों के एफआइआर सिटीजन पोर्टल पर शो नहीं हो रहे हैं।

वर्जन
ऐप को लेकर ऐसी शिकायत नहीं आई है, इसके बाद भी यदि ऐसी जानकारी आपने दी है, तो अभी पता करता हूं। यदि कोई तकनीकि समस्या है तो अपडेट कराया जाएगा। नागरिकों को मिलने वाली हर सुविधा नियमानुसार मिलेगी।
सुजीत सिंह भदौरिया, एएसपी दमोह

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar