AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Dausa News: ब्यावर से भरतपुर के बीच प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अवाप्ति से पूर्व सर्वे और चिन्हीकरण का कार्य शुरू हो गया है। लालसोट उपखंड क्षेत्र के जिन गांवों से यह एक्सप्रेस-वे गुजरना प्रस्तावित है, वहां सर्वे टीम द्वारा मार्ग का चिन्हीकरण किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर चिन्ह लगाए गए हैं।
अब तक पक्काधोरा व बिनोरी मोड़ के बीच किशनपुरा, बिनोरी, गूदड़िया तालावगांव, कोठ्या वाली श्रीमा, गोविंदपुरा, कर्णपुरा, देवली सहित कई गांवों में ग्रामीणों ने एक्सप्रेस-वे के लिए चिन्ह लगाए जाने की पुष्टि की है। लालसोट-धौलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पक्काधोरा से बिनोरी मोड़ के बीच तथा लालसोट-कोटा मेगा हाइवे पर गोल्या से बिलौणा कलां के बीच सड़क पर भी चिन्ह लगाए जा चुके हैं।
सर्वे व चिन्हीकरण के चलते प्रभावित किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। कई किसान अपनी भूमि अवाप्त होने की आशंका जता रहे हैं, वहीं कुछ किसानों को मुआवजे की पर्याप्त राशि मिलने को लेकर चिंता है।
उल्लेखनीय है कि ब्यावर से भरतपुर तक प्रस्तावित यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे कुल 324 किलोमीटर लंबा होगा, जो लालसोट उपखंड के 28 गांवों से होकर गुजरेगा। प्रशासनिक स्तर पर भूमि अधिग्रहण से पूर्व निर्माण के अंतर्गत आने वाले गांवों में भूमि उपयोग परिवर्तन (भूमि रूपांतरण), बिक्री, खरीद अथवा विकास गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसके चलते प्रभावित 28 गांवों में इन सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू है।
ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे उपखंड के विजयपुरा, लोरवाड़ा, गूदड़िया, श्रीमा, गोविंदपुरा, कर्णपुरा चक 1 से चक 4, मोहब्बतपुरा, देवली, खेड़ली, प्रहलादपुरा, खटवा, मालावास, रामपुरा खुर्द, भामूवास, रामपुरा कलां, बिलौणा कलां, खेमावास, किशनपुरा, टोडा ठेकला, बिनोरी, शाहपुरा महाराजपुरा, थानपुरा, हमीरपुरा, डिवाचली कलां एवं डिवाचली खुर्द गांवों की कुल 260.559 हेक्टेयर भूमि से होकर गुजरना प्रस्तावित है।
प्रस्तावित ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे के सर्वे कार्य को लेकर शुक्रवार को कई गांवों के ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचे और उपखंड अधिकारी विजेन्द्र कुमार मीना को ज्ञापन सौंपा। नारेबाजी करते हुए पहुंचे ग्रामीणों ने मांग की कि बिनोरी स्थित दक्षिणी सागर बांध एवं बिनोरी सागर बांध को छोड़कर सर्वे किया जाए।

पट्टी किशोरपुरा सरपंच ऐरंता देवी, अमित मीना, रामप्रसाद मीना, भरतलाल मीना, वीपी सिंह, रामकिशोर, रमेश चंद मीना सहित अन्य ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि इन दोनों बांधों की भराव क्षमता अधिक है और आसपास के 25 गांवों की पेयजल एवं सिंचाई व्यवस्था इन्हीं पर निर्भर है। साथ ही ये बांध ईआरसीपी योजना से भी जुड़े हुए हैं। यदि एक्सप्रेस-वे इन बांधों से होकर निकाला गया तो लगभग पांच लाख लोगों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। ग्रामीणों ने सर्वे को मनमाने ढंग से एवं राजनीतिक दबाव में किया गया बताते हुए चेतावनी दी कि यदि निर्णय में बदलाव नहीं हुआ तो किसान उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
उपखंड अधिकारी विजेन्द्र कुमार मीना ने बताया कि फिलहाल सर्वे एवं चिन्हीकरण को लेकर कोई औपचारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। प्रारंभिक सर्वे के संबंध में भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। प्रभावित गांवों में भूमि उपयोग परिवर्तन, बिक्री, खरीद एवं विकास गतिविधियों पर रोक पूर्ववत जारी है।
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Published on:
27 Dec 2025 09:30 am


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